बॉलीवुड के सदा बहार अभिनेता, देव आनंद दिल का दौरा पड़ने से लंदन में निधन हो गया। उनकी मौत से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। देवानंद 88 साल के थे। भारतीय समयानुसार आधी रात के बाद 3.30 बजे उन्होंने लंदन के मे फेयर होटल में अंतिम सांसें लीं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने देवानंद को श्रद्धांजलि दी है।
देवानंद का स्वास्थ्य कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा था। बताया जा रहा है कि जब देवानंद ने अंतिम सांसें ली तो उनके पुत्र सुनील उनके साथ ही थे। देवानंद ने 1946 में फ़िल्मी दुनिया में क़दम रखा था और फ़िल्म थी हम एक हैं। इसके बाद उन्हें कई फ़िल्में मिलीं और एक वर्ष बाद जिद्दी के आने तक वे बड़े अभिनेता के रुप में स्थापित हो गए ।
अपनी एक खास अदा के लिए मशहूर देवानंद ने कई बेहतरीन फ़िल्में की और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। इन फ़िल्मों में पेइंग गेस्ट, बाज़ी, ज्वेल थीफ, गाइड, सीआईडी, जॉनी मेरा नाम, अमीर गरीब, हरे रामा हरे कृष्णा और देस परदेस का नाम लिया जा सकता है। देवानंद को २००१ में पद्मभूषण और २००२ में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे फिल्मों में सक्रिय थे और कुछ फिल्मों का निर्देशन और निर्माण कर रहे थे।
देवानंद का जन्म अविभाजित पंजाब के गुरदासपुर (अब पाकिस्तान का नरोवल जिला) में 26 सितंबर, 1923 में हुआ था। देवानंद के माता-पिता ने उन्हें धर्मदेव आनंद नाम दिया था। उनके पिता किशोरीमल आनंद मशहूर वकील थे। देवानंद ने लाहौर कॉलेज से अंग्रेजी में बीए किया था। 1948 में देवानंद को पहली बड़ी कामयाबी मिली थी जब फिल्म जिद्दी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। 1949 में उन्होंने नवकेतन नाम से अपनी प्रॉडक्शन कंपनी लॉन्च की थी, जिसने कई यादगार फिल्में बनाईं।
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