ज्यादा खाने से यादाश्त कमजोर होती है. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

  
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

demo-image

ज्यादा खाने से यादाश्त कमजोर होती है.


images+(21)
जरूरत से ज्यादा खाने की वजह से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और आघात जैसी बीमारियां तो हो सकती हैं, साथ ही कमजोर याददाश्त, डिमेन्शिया और तो और अल्जाइमर जैसी समस्याएं बीमारियों की इस सूची को और बड़ी कर सकती हैं।  
     
मेयो क्लीनिक ने बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती समस्याओं पर किए गए एक अध्ययन में कहा है कि इसके शुरूआती नतीजों से संकेत मिलता है कि जरूरत से ज्यादा खाने की वजह से अधिक उम्र के लोगों की याददाश्त कमजोर होने का खतरा अधिक होता है।
    
अध्ययन में अधिक उम्र के लोगों में, ली जाने वाली कैलोरी और आसन्न मामूली संज्ञानात्मक बाधा (माइल्ड कॉग्नीटिव इम्पेयरमेंट-एमसीआई) के बीच संबंध पाया गया है। एमसीआई वास्तव में उम्र के साथ साथ याददाश्त कमजोर होने की सामान्य समस्या और शुरूआती अल्जाइमर के बीच की स्थिति है। मेयो क्लीनिक ने यह अध्ययन 2006 में 70 से 89 साल के 1,233 लोगों पर शुरू किया था जिन्हें पहले डिमेन्शिया नहीं था।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *