अमेरिका में इंफोसिस कर्मचारियों की जाँच. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 23 अप्रैल 2012

अमेरिका में इंफोसिस कर्मचारियों की जाँच.


देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस टेक्नोलॉजी के अमेरिका में कार्यरत कर्मचारियों को वहां की संघीय जाचं एजेंसी (डिपार्टमेंट ऑफ होम लैंड सिक्योरिटी) की कड़ी जांच से गुजरना पड़ रहा है। कंपनी के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी की ओर से यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि उसकी नजर में अमेरिका पहुंचे इंफोसिस कर्मचारियों के पास नौकरी में रखे जाने के पर्याप्त दस्तावेजी सबूत मौजूद नहीं हैं। 

भारतीय कंपनियों की ओर से अमेरिका में नौकरी पर भेज जाने वाले आईटी पेशेवरों को अपने नियोक्ता की ओर से मिले प्रमाण पत्र का पूरा ब्यौरा संघीय जांच एजेंसी को देना पड़ता है। इसके लिए उन्हें एक निश्चित फॉर्म भरने पड़ते हैं। इंफोसिस के मामले में भी ऐसा ही है। ऐसे में उसके कर्मचारियों की ओर से इसके लिए भरे गए फॉर्म संख्या आई-9 की अमेरिकी एजेंसी कड़ी जांच पडताल कर रही है। इंफोसिस का कहना है कि अमेरिकी एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उसने इस जांच के दौरान कई गड़बड़ियां पाई है। यदि गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत हाथ लग गए तो इंफोसिस कर्मचारियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

कंपनी पर पहले भी ऐसे कई आरोप लग चुके हैं कि वह बिजनेस वीजा का गलत इस्तेमाल कर अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजती रही है। इंफोसिस के मुताबिक अमेरिकी सरकार के इस रवैए से कंपनी का विदेशी कारोबार प्रभावित हो सकता है। 

कोई टिप्पणी नहीं: