एन.डी. तिवारी को किसी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें निर्देश दिया कि वह अपने खिलाफ चल रहे पितृत्व मामले में डीएनए नमूने के लिए ब्लड सैंपल दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि 'बस अब बहुत हो गया।'
जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस सी.के. प्रसाद की बेंच ने कहा, 'बस बहुत हो गया। आप पहले मौकों पर मौजूद नहीं थे। आपकी उम्र को देखते हुए हमने आपको सीलबंद नमूना देने के लिए कहा था। हमने आपको आर्टिकल-21 के तहत प्रोटेक्शन दिया था लेकिन अब बस बहुत हो गया।'
रोहित शेखर नामक युवक द्वारा दाखिल पितृत्व मामले में कोर्ट ने यह निर्देश दिया। रोहित खुद को 86 वर्षीय तिवारी का बेटा होने का दावा करता है। बेंच ने तिवारी की पिछले साल वाली याचिका, जो अब भी पेंडिंग है, पर सुनवाई के दौरान तिवारी के वकील सुशील जैन से कहा, 'ब्लड सैंपल दें, इसमें क्या दिक्कत है?'
तिवारी ने हाई कोर्ट के 23 दिसंबर, 2010 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनसे डीएनए जांच कराने को कहा गया था। मार्च, 2011 में तिवारी की याचिका पर अंतिम सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपनी सुविधानुसार डीएनए जांच कराने का तरीका हाई कोर्ट को बताने का विकल्प दिया था।
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