दुनियाभर के 29 देशों के 139 पत्रकारों ने साल 2012 में काम के दौरान अपनी जान गवांई। यह आंकड़ा पिछले साल के आंकड़ो से 30 प्रतिशत ज्यादा है। प्रेस एम्ब्लेम कैम्पेन (पीइसी) ने सोमवार को यह जानकारी सार्वजनिक की। समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक पीइसी महासचिव ब्लाइस लेमपेन ने कहा कि ज्यादतर पत्रकारों की मौत सीरिया संघर्ष की कवरेज के दौरान हुई। पीइसी ने कहा, इराक युद्ध के बाद सीरिया में उपजा नागरिक संघर्ष पत्रकारों के लिए इक्कीसवीं सदी का सबसे बड़ा खूनी दौर रहा है। इस दौरान कुल 36 पत्रकार काम के दौरान मारे गए थे। पीइसी की जांच में कहा गया है कि साल 2008 से अब तक करीब 569 पत्रकारों की काम के दौरान मौत हुई है। इन पांच सालों में फिलिपींस, मैक्सिको, इराक, पाकिस्तान, सीरिया, सोमालिया, होन्डुरास, ब्राजील, रूस और भारत में ही दो तिहाई पत्रकार मारे गए हैं।
1 टिप्पणी:
कलम के प्रहरियों की कुर्बानी बेकार नहीं होगी ...
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