एशिया का सबसे बड़ा एयर शो ‘एयरो इंडिया 2013’ बुधवार को बेंगलुरू के येलेहंका वायुसेना अड्डे पर शुरू हुआ. रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने इसका उद्घाटन करते हुए घरेलू स्तर पर रक्षा उद्योग का आधार बढाने तथा आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने विदेशी एयरोस्पेस कंपनियों को भी भारत में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने को प्रोत्साहित किया.
हर दो साल में होने वाले पांच दिवसीय इस मेले की शुरआत भले ही विमानों की शानदार उड़ानों के साथ शानदार रही लेकिन कुछ लड़ाकू विमान इस बार नहीं दिखा इसका प्रदर्शनी पर असर दिखा और इसे वैश्विक रक्षा उद्योग के बदलते मूड का संकेत भी माना जा रहा है. पिछली बार की तुलना में विमान प्रदर्शनी के इस संस्करण को लेकर येलेहंका वायुसेना अड्डे पर कम उत्साह देखने को मिला. इस बार मेले में कम विमान भाग ले रहे हैं भले ही भागीदारी करने वाली कंपनियों की संख्या उतनी ही है.
एंटनी द्वारा प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किए जाने से ठीक पहले तीन एमआई-8 हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी. इस अवसर पर देश दुनिया के प्रतिनिधि, रक्षा अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि व कंपनी अधिकारी उपस्थित थे. एयरो इंडिया 2013 में सैन्य तथा असैन्य विमानो के क्षेत्र की नवीनतम अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जा रहा है. उड़ानों की शुरआत टाइगर मॉथ से हुई जिसे भारतीय वायुसेना की विंटेज उड़ान के रूप में लाया गया है. चेक गणराज्य की एयरोबेटिक टीमे फ्लाइंग बुल्से ने प्रदर्शन किया.फ्रांसीसी लडाकू राफाल व लाकहीड मार्टिन के एफ16 फाल्कन तथा सारंग हेलीकाप्टर ने भी उड़ान भरी.
एंटनी ने अपने संबोधन में कहा-हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्हों कहा, हम देश में मजबूत रक्षा उद्योग आधार बनाना चाहते हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने रक्षा उत्पादन नीति के रूप में एक रूपरेखा बनाई है और सरकार इस तरह के प्रयासों में सक्रि य भागीदार बनने के लिए देश के सार्वजनिक और निजी उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है. एंटनी ने कहा, ‘‘ भारत में नए गठबंधन करने व भारतीय कंपनियों की साझीदारी में देश में अपना आधार बनाने के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस कंपनियों के लिए भारी अवसर मौजूद हैं.’’
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