- कही दूर चले जाने की सांझा देवी सोच बना रह गयी हैं
जमुई। समाज में आज भी डायन प्रताड़ना की खेल जारी है। यहां अशिक्षा का बोलबाला है। और तो और आपस में ही महिलाएं एकदूसरे के ऊपर डायन होने का आरोप भी लगातार जोरदार ढंग से मारपीट भी करते हैं। इन महिलाओं की लड़ाई में पुरूष भी पीछे नहीं रहते हैं। वे भी आग में घी डालने का प्रयास करते हैं। हद तो उस वक्त हो गया जब फलिया देवी ने रिश्ते का खून करके अपने फूआं सांझा देवी को ही डायन करार दी। कभी इस तरह की डायन-डायन की खेल में किसी की अकाल मौत हो जाती है। अभी फलिया देवी ने सांझा देवी को हाथ ही तोड़ दी है। अब तो जान से मारने की धमकी देने लगी है।
मामला नक्सल प्रभावित क्षेत्र जमुई जिले के सिकन्दरा प्रखंड का हैः
नक्सल प्रभावित क्षेत्र जमुई जिले में सिकन्दरा प्रखंड है। इस प्रखंड के सबलबीघा पंचायत में जगदीशपुर गांव है। इस गांव में कुल 123 घर है। महादलित मुसहर 20, पासवान 20, यादव 25, राजपुत 15, कोईरी 15, लोहार 3, सोनार 10 और ठाकुरों का 15 घर है। यहां पर समाज के किनारे रह जाने वाले महादलित अपने में जंग किया करते हैं। अशिक्षा के कारण एकदूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास जारी है। दो साल से आपस में ही रिश्ते का गलाघोंट कर फूआ और भतिजी मरने-मारने पर अमादा हैं।
सांझा देवी के ऊपर डायन होने का लगा आरोपः
खुद रिश्ते में भतीजी फलिया देवी ने फूआं सांझा देवी के ऊपर आरोप लगा दी है कि वह डायन हैं। इस तरह के आरोप से सांझा देवी काफी निराश हैं। सांभा देवी और घनेश्वर मांझी के पांच संतान हैं। इस सभी का विवाह हो चुका है। बड़ी बेटी ललिता देवी हैं। इनका पति महेश मांझी हैं। बेटा सदन मांझी हैं। इनकी पत्नी का नाम मंजू देवी हैं। मदन मांझी की पत्नी सीमा देवी हैं। बेटी दुखिया देवी और मालो देवी हैं। इन तीनों बेटियों की शादी होने के बाद ससुराल में जाकर बस गयी हैं। इन दिनों सांझा देवी अपने बेटे एवं बहुओं के साथ जगदीशपुर गांव में रहती हैं। इसके घर से 10 कदम की दूरी पर फलिया देवी का घर है। इन दोनों के घर के बीच में जोगिन्दर मांझी एवं अन्य लोगों का घर है। सांझा देवी के पास आवासीय भूमि 2 कट्ठा 10 धूर है। 10 धूर जमीन पर घर नहीं बना है। इसी जमीन पर फलिया देवी समेत उनके अन्य परिवार के सदस्यों की गिद्ध दृष्टि है। उस जमीन को हड़पना चाहते हैं। यह खाली भूखंड फलिया देवी की झोपड़ी से ही सटे है। आरोपित पीड़िता का नाम बी0पी0एल0सूची में है। सरकार से अनदेखी के कारण आवासीय भूमिहीन हैं। वहीं खुद के पास खेत नहीं रहने के कारण घनश्याम मांझी खेतिहर मजदूर बनकर रह गया है। बमुश्किल साल में मात्रः 3 महीने का ही काम मिलता है। इस अवधि में लकड़ी बेचकर एवं अन्य तरह की मजदूरी करके अपना आजीविका चलाते हैं। चारों तरफ हाथ-पैर मारने के बाद अगर पेट नहीं भरता है। तो पापी पेट भरने के लिए महाजनों से कर्ज भी लेना पड़ता है। 10 रूपए प्रति सैकड़ा की दर पर कर्ज लेना पड़ता है। ऐसे ही सामाजिक-आर्थिक स्थिति से अत्यन्त ही कमजोर व्यक्ति को धन-दौलत देने के बदले में ‘डायन’ का तगमा दे दिया जाता है। इस तरह के आरोप लगाने से पीड़िता का पति घनश्याम मांझी भी परेशानी के दलदल में फंस गये हैं। हालांकि मामला 2 साल पहले की है। परेशानी के बादल छटे नहीं हैं वरण गहराते चला जा रहा है। अपने ऊपर आये परेशानी से हैरान घनश्याम मांझी ने कानून का सहारा नहीं लिये। मगर दोनों दम्पति ने ग्राम पंचायत के मुखिया,10 ग्रामीण एवं पंचायत के सरपंच दीलिप पसावान ने मिलकर जरूर ही पंचायती कर दिये। मौके पर उपस्थित लोगों को पूरी जानकारी देते हुए समझाएं कि इस तरह का आरोप लगाना अच्छी बात नहीं है। गांव के लोग और आरोप गढ़ने वाले और आरोपित परिवार आपस में मिलजुल कर रहे इसी में हम लोगों की भलाई है। इस तरह की पंचायती 2 अक्टूबर, 2011 में हुआ था।
क्या था यह संपूर्ण मामलाः
संपूर्ण विवरण यह है कि वर्ष 2011 में अगस्त माह में फलिया देवी और गुलेश्वर मांझी की सबसे छोटी बेटी सुनीता कुमारी (5 साल ) को मामूली सर्दी -खांसी के साथ बुखार हो गया। गुलेश्वरी मांझी ने कल्याणकारी सरकार के द्वारा स्थापित प्रमंडल स्तर पर चिकित्सा महाविघालय, चिकित्सालय, अनुमंडल स्तर पर सदर अस्पताल, प्रखंड स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत स्तर पर उप स्वास्थ्य केन्द्र और गांवघर में साइकिल पर सवार होकर चलने वाले छोला छाप चिकित्सकों से सेवा नहीं लेने के बदले एक औरत ने दूसरे औरत को अपमानित करने पर अमादा फलिया देवी ने सरेआम सांभा देवी को ‘डायन’ कहकर संबोधित किया और सीधे ऊंगली उठा दी कि तुम्ही ने मेरी बेटी को कुछ कर दी हो। इसी लिए छोटकी सुनीतवा बीमार हो गयी है। इसके बाद बेलगाम होकर फलिया देवी ने सांझा देवी को डायन कहकर गन्दी-गन्दी गालियों की बरसात करने लगी। बातों की बौंछार करने के बाद फलिया और अन्य लोगों ने मिलकर आरोपित डायन सांझा देवी के संग जमकर मारपीट भी किये। महिलाओं के बीच चले लत्तमजूता को देखकर फलिया देवी के अनुज लक्ष्मणधारी मांझी भी पीड़िता सांझा देवी को हो लप्पड़-थप्पड़ करने से पहरेज नहीं किये। सांझा देवी के बाल पकड़कर मारा जिसके कारण आरोपित की हाथ टूट गयी। जमकर गद्दर होते देख तब बाद में गांव वाले आकर बीच बचाव करके मामला को शांत करवाया और लड़ाई को रोक पाने में सफल हो गये।
कौन हैं फलिया देवी?
फलिया देवी और गुलेश्वर मांझी के चार बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी दुखनी देवी (18 साल ) है । इसकी शादी हो गयी है। अभी वह ससुराल में रहती हैं। इसके बाद बेटा मिठ्ठू मांझी (16 साल), फेकन मांझी(16 साल) और सुनीता कुमारी (5 साल ) हैं। इनके बच्चें एवं परिवारिक सदस्य में जब भी कोई बीमार पड़ते है। तो फलिया देवी के द्वारा सांझा देवी को डायन कहकर झगड़ा शुरू कर कर देती हैं और मारपीट करने पर उतारू हो जाती है। इघर हाल में 27.09. 2013 को फलिया देवी ने झगड़ा और मारपीट की हैं। अब झगड़़े से ऊबकर और फलिया देवी से डरकर कही दूर चले जाने की सोच सांझा देवी बना रह गयी हैं।
(आलोक कुमार)
पटना
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