खोजी वेबसाइट 'कोबरा पोस्ट' ने एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए उन कंपनियों का पर्दाफाश किया है जिनको यदि किसी को बदनाम करना हो खुद को मशहूर करना हो, किसी का करियर बर्बाद करना हो या किसी की शादी तुड़वानी हो, इन सब कामों के लिए ऑनलाइन ठेका दी जा सकती है।
आजकल यह काम नेताओं के लिए किया जा रहा है ताकि चुनावों में फायदा उठाया जा सके। ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो फेसबुक, ट्विटर और दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए लोगों को बदनाम या मशहूर करने की सुपारी लेती हैं। इस काम के लिए कुछ लाख रुपये से लेकर कुछ करोड़ रुपये तक लग सकते हैं। ऑपरेशन 'ब्लू वायरस' नाम के इस स्टिंग ऑपरेशन में करीब दो दर्जन ऐसी कंपनियों का भंडाफोड़ किया गया है जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को बदनाम या मशहूर करने की सुपारी लेती हैं।
इस काम के लिए ये आईटी कंपनियां फर्जी फेसबुक पेज क्रिएट करके उन्हें अपने कर्मचारियों से लाइक करवाती हैं या फिर लाइक्स खरीदती हैं। कंपनियों ने एक वायरस की मदद से लाइक्स बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा। इस वायरस के जरिए फेसबुक और ट्विटर पर फैन्स की संख्या कई गुना तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा प्रमोशनल विडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब पर वायरल करने और एसएमएस और ईमेल्स भेजने की भी बात कही गई।
कोबरा पोस्ट के मुताबिक इन कंपनियों ने कहा कि वे नेताजी के विरोधी को बदनाम करने के लिए फर्जी विडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब पर वायरल कर सकती हैं। इन विडियो में विरोधी को आपत्तिजनक हालात में भी दिखाया जा सकता है। कैमरे पर इन कंपनियों के लोग अफवाहें फैलाने का भी वादा करते नजर आते हैं। एक कंपनी के मैनेजर ने कहा कि अफवाहें फैलाकर विरोधी वोटरों को घरों के अंदर रखा जा सकता है ताकि नेताजी के खिलाफ वोट न पड़ें।
पिछले साल बेंगलुरु और हैदराबाद में उत्तर-पूर्वी लोगों के खिलाफ कुछ अफवाहें उड़ी थीं। इसके बाद हजारों लोग इन शहरों से पलायन कर गए थे। एसएमएस के जरिए इन लोगों के मन में डर भर दिया गया था। इस घटना के बाद ही 'कोबरा पोस्ट' को शक हुआ कि ये अफवाहें जानबूझ कर फैलाई जा सकती हैं। खोजबीन के बाद 'कोबरा पोस्ट' को कई राज़ पता चले।
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