इन दिनों पोलियो मुक्त भारत घोषित करने की कवायद जारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

  
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 28 नवंबर 2013

demo-image

इन दिनों पोलियो मुक्त भारत घोषित करने की कवायद जारी

Polio
पटना। ‘कोई मइया रूठे नहीं और कोई बच्चा छूटे नहीं’ का नारा साकार होने लगा है। और तो और पल्स पोलियो अभियान में सभी लोगों ने सामूहिक प्रयास करके ‘दो बूंद दवा और पोलियो हो हवा’ को आखिरकार हवा-हवा  करके ही दम लिये। सभी का हाथ और साथ में मिलने से इसका यह असर हुआ कि वर्ष 2010 से एक भी बच्चे पोलियो के शिकार नहीं हुए। इसके उतावले में आकर जल्द ही भारत को पोलियो मुक्त घोषित करने का प्रयास नहीं किया गया। एक नहीं तीन साल तक धीरज धरे और अब जाकर भारत को पोलियो मुक्त घोषित करने की कवायद तेज कर दी गयी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो नववर्ष 2014 मंगलमय होगा। आने वाले वर्ष में खुशखबरी मिल जाएगी। पोलियो मुक्त देशों में भारत भी शुमार हो जाएगा। 

Ab+nahee
आम से खास लोगों के सहयोग के ही बल पर देश से जानलेवा चेचक का उन्मूलन हो सका। इसके बाद भारत ने पोलियो को समूल नष्ट करने का प्रण लिया। वर्ष 1985 से पल्स पोलियो अभियान शुरू हुआ। यूनिसेफ और रोटरी क्लब के सदस्यों ने खुब धन और मन लगाएं। दिल के धड़कन की तरह जोरशोर से पोलियो अभियान शुरू किया गया। इसमें सभी लोगों ने दिल खोलकर सहयोग देखा शुरू कर दिये। जगह-जगह शिविर लगाकर बच्चों को पोलियो की दो बूंद दवा पिलानी शुरू कर दी गयी। इसका असर अधिक पड़ने लगा। प्रत्येक माह पोलियो अभियान चलाया गया। अभियान बढ़ता गया और इसको लेकर अफवाहों की बाजार भी गरम होने लगी। पोलियो की खुराक पिलाने के बाद परिवार नियोजित हो जाएगा? एक समुदाय की ओर इंगित करने अफवाहा फैलायी गयी कि उनके द्वारा दवा नहीं पिलायी जाती है। इस बीच पोलियो की खुराक पिलाने से इंकार करने वालों को इंकार तुड़वाने का खास उपाय खोज लिया गया। ए.एन.एम.दीदी से दवा पिलाने से इंकार करने वालों को वरीय चिकित्सकों के द्वारा व्यक्तिगत लोगों से मिलकर इंकार तुड़वाया जाता था। 

इन 28 साल के दौरान ए.एन.एम. दीदी, आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि को घर-घर घूमकर बच्चों को पोलियो की खुराक दी गयी। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं का भी अमूल्य सहयोग मिला है। इन दिनों पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गया जिले के मानपुर,बाराचट्टी और बोध गया प्रखंडों में भूमि अधिकार अभियान और स्वास्थ्य को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावे जहानाबाद,नालंदा,दरभंगा,बांका,भोजपुर,अररिया और कटिहार के प्रखंडों में भी दोनों मुद्दों पर कार्य किया जा रहा है। इनके कार्यकर्ताओं के सहयोग को भी नकारा नहीं जा सकता है। इस बीच व्हील चेयर पर बैठी संजू कुमारी का कहना है कि मेरे जैसे बच्चे और न हो। बहुत हुआ पोलियो का मनमाना। अब नहीं, अब नही।

आलोक कुमार
बिहार 

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *