आगामी लोकसभा चुनाव नौ चरणों में संपन्न कराया जाएगा। बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का एलान किया। इसके साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त संपत कुमार ने बताया कि इम्तिहान और मौसम को ध्यान में रख कर चुनाव की तारीखें तय की गई हैं। लोकसभा चुनावों के साथ ही आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम विधानसभा के चुनाव भी होंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त संपत ने कहा कि दलों और सरकारों के लिए आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी और मतदाता सूचियों को एक जनवरी 2014 तक अद्यतन किया गया है और सभी राज्यों में प्रकाशित किया गया है। संपत ने कहा कि नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव में पहली बार होगा।
संपत ने कहा कि 7 अप्रैल से 12 मई के बीच नौ चरण में चुनाव होंगे। 16 मई को मतगणना होगी। लोकसभा चुनाव में कुल मतदाता 81.4 करोड़ हैं, जो कि गत चुनाव से करीब 10 करोड़ अधिक हैं। गत लोकसभा चुनाव 2009 में 16 से 13 मई के बीच पांच चरणों में हुये थे। इस बार चुनाव में 81 करोड़ से अधिक मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। लोकसभा का कार्यक्राल एक जून को समाप्त हो रहा है। लिहाजा 31 मई तक नई लोकसभा का गठन करना जरूरी है।
राज्यवार चुनाव की तारीखें ये हैं
यूपी-बिहार में एक ही तारीखों को: अप्रैल में 10, 17, 24 और 30 व मई में 7 व 12 तारीख को
राजस्थान: 17 व 24 अप्रैल
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड: 10, 17 व 24 अप्रैल
गुजरात: 30 अप्रैल
दिल्ली-हरियाणा: 10 अप्रैल
चंडीगढ़: 10 अप्रैल
तमिलनाडु: 24 अप्रैल
त्रिपुरा: 7 व 12 अप्रैल
नगालैंड: 9 अप्रैल
दादरा व नागर हवेली: 30 अप्रैल
कुछ हाईप्रोफाइल सीटों पर चुनाव की तारीख
रायबरेली: 30 अप्रैल
अमेठी: 7 मई
पटना: 17 अप्रैल
मुंबई: 24 अप्रैल
भोपाल, जयपुर: 17 अप्रैल
कोलकाता: 12 मई
लखनऊ, कानपुर: 30 अप्रैल
इलाहाबाद: 7 मई
वाराणसी: 12 मई
अहमदाबाद, गांधीनगर: 30 अप्रैल
गाजियाबाद, नोएडा:
गोरखपुर: 12 मई
मैनपुरी: 24 अप्रैल
मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस. संपत ने कहा कि कानून में 'पेड न्यूज' को अपराध मानने को लेकर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि 'पेड न्यूज' को जुर्म घोषित किया जाए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमारे पास उपलब्ध ताकत का इस्तेमाल करने में हमें कोई हिचक नहीं होती। पर जो अधिकार हमारे पास हैं ही नहीं, उनका इस्तेमाल हम कैसे कर सकते हैं। ओपीनियन पोल का मसला वैधानिक (लेजिस्लेटिव) अधिकार के तहत आता है। चुनाव आयुक्त एच.एस ब्रह्मा ने कहा कि नक्सल प्रभावित सभी क्षेत्रों में एक ही दिन चुनाव कराने का फैसला लिया गया है।
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