जातिवाद का जहर ये आज से नहीं बल्कि शुरू से फ़ैलाने में लगे हुए हैं. कभी अनुसूचित जाति के लोगों को कहते हैं खूब बच्चें पैदा करो. दुर्भाग्य है बिहार के अनुसूचित जाति के साथ जहां माझी को ये सोचना चाहिए की गरीबों के बच्चे को कैसे शिक्षित किया जाय, कैसे उनको ऊपर उठाया जाय इसके बदले वो कहते हैं की खूब बच्चे पैदा करो और सरकार बनाने के लिए वोट बैंक तैयार करो. इससे उस गरीब को क्या मिलेगा ? वर्तमान में मिथिला क्षेत्र में आने पर जहां विकास की बात करना चाहिए था , वहां जातिगत राजनीती की महाजाल फेंक रहें हैं, जिस मंदिर में वो आशीर्वाद लेने गए थे वहां की तालाब की सौन्दर्यी करन पर जोर देना चाहिए था इसके बजाय उन्होंने पूजा अर्चना करने के महीनो बाद पूरा सोच विचार कर जाति वाद पर राजनितिक करने का असफल प्रयास किया. मैं खुद भगवती के आशीर्वाद से वहां माता परमेश्वरी से आशीर्वाद प्राप्त कर चूका हूँ.
मैंने देखा है की मंदिर से कुछ ही दूर चमार जाति के कई घर हैं और सब मैया के दरबार में हाजिरी लगाता है. एक अच्छे संस्कार में वहां के सभी जाति के लोग रहते हैं सब मैया के आशीर्वाद से खुशहाल हैं. मैया के दरबार का साफ़ साफ सफाई तो नित्य ही सुवह शाम एवं जरुरत पड़ने पर कभी भी होती हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार जातिवाद का जहर मिथिला क्षेत्र में फैलाकर शांति भंग करने प्रयास किया है. मिथिला राज्य निर्माण सेना - दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष के नाते इस तरह की बयान का घोर निंदा करता हूँ और मिथिला वासी से अपील करता हूँ अखंड सर्व जातिय एकजुटता सदैव की भांति कायम रख ऐसे बयान पर ध्यानाकर्षण न करे, और समय आने पर मिथिला हित में फैसला ले
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