भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय सरकार के 2015-16 के बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि यह बजट गरीब विरोधी, कर्मचारी विरोधी और कारपोरेट पक्षी बजट है। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेष 2015-16 के आम बजट ने नरेन्द्र मोदी सरकार के कारपोरेट पक्षी चरित्र को उजागर करता है।
आज यहां जारी अपने बयान में राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने केन्द्रीय सरकार के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बजट में देष की गरीब जनता के साथ घोर अन्याय किया गया है। समाज के कमजोर वर्गों की योजनाओं के लिए आवंटित राषि में कटौती करके मोदी सरकार ने गरीब विरोधी अपने चरित्र को प्रकट कर दिया है। सामाजिक क्षेत्रों की योजनाओं के लिए आवंटित राषि पिछले साल के बजट की तुलना में कम कर दी गई है। जैसे स्कूली षिक्षा पर होने वाले खर्च के लिए आवंटित राषि में 23ःए उच्च षिक्षा में 3ःए महिलाओं के लिए योजनाओं पर 25ःए बच्चों की योजनाओं पर 56ःए ग्रामीण विकास पर 10ःए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर 16ःए एड्स नियंत्रण पर 22ः की कटौती की गई है।
उसी तरह अनुसूचित जाति उप योजना तथा अनुसूचित जनजाति उपयोजना की आवंटित राषि को क्रमषः 43,206 करोड़ से घटाकर, 30,851 करोड़ रु॰ ओर 26,714 करोड़ रु॰ से घटाकर 19,980 करोड़ रु॰ कर दिया गया है। इन्दिरा आवास योजना की राषि घटाकर 18,000 करोड़ रु॰ से 10,000 करोड़ कर दी गई है। बुढ़ों, विधवाओं और शारीरिक रुप से अपंग लोगों को मिलने वाली पेंषन राषि को घटाकर 10,000 करोड़ रु॰ से 9,000 करोड़ रु॰ कर दी गई है।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने देष के गरीबों के साथ क्रूर अत्याचार किया है। बजट में सेवा कर 14 प्रतिषत तक बढ़ा दिया गया है। उसी तरह उत्पाद कर में वृद्धि की गई है। नई कर वृद्धि से आम लोगों की परेषानियाँ बढ़ेगी। बजट से बाहर पेट्रोल में 3.10 रु॰ प्रति लीटर तथा डीजल के दाम में 3.09 रु॰ प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। इस सबका असर महंगाई के रूप में आम जनता पर पड़ेगा।
दूसरी ओर बजट में कारपोरेट घरानों को काफी रियायत दी गई है। बजट में कारपोरेट को प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये की छूट दी गई है। यह छूट 4 वर्षों के लिए है यानी अगले लोकसभा चुनाव तक कारपोरेट को यह छूट मिलती रहेगी। मध्य वर्ग को भी इस बजट से घोर निराषा हुई है। क्योंकि सेवा कर में वृद्धि की गई है और व्यक्तिगत आयकर की सीमा में कोई रियायत नहीं दी गई है। बिहार को सीमान्घ्र एवं तेलंगाना की तरह विषेष पैकेज की घोषणा तो की गई है। लेकिन यह नहीं कहा गया है कि कितनी राषि दी जायेगी और किस रूप में दी जायेगी। केन्द्र सरकार की यह घोषणा आगामी विधान सभा चुनाव के दृष्टि में रखकर की गई है।
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