मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यंग्य पर पलटवार कर उन्हें आईना दिखा दिया. येचुरी ने दिल्ली विधानसभा के हाल ही में हुए चुनाव में बीजेपी की करारी हार और संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव बिना संशोधन पारित कराने में सरकार की विफलता पर कटाक्ष किया. यहां के ब्रिज पैरेड मैदान में माकपा की रैली को संबोधित करते हुए पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य येचुरी ने स्वीकार किया कि माकपा ने अपनी चूकों से सबक सीखा है.
येचुरी ने कहा, "मोदीजी विपक्ष पर व्यंग्य कसने से बाज नहीं आते हैं, कहते हैं कि यह इतना छोटा है कि सभी विपक्षी सदस्य एक बस में सवार होकर संसद आ सकते हैं. लेकिन दिल्ली चुनाव के बाद उसी भाजपा की हालत यह हो गई कि उसके तीन सदस्यों को ढोने के लिए एक ऑटो रिक्शा ही काफी है." उन्होंने आगे कहा, "यहां तक कि पिछले सप्ताह संसद में लाल झंडा (कम्युनिस्ट पार्टियों का) के नगण्य होने का मजाक उड़ाया गया. मजेदार है कि उसी दिन मोदीजी को सबसे बड़ा धक्का तब लगा जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हमने संशोधन लाया और वह राज्यसभा में मंजूर हो गया."
मोदी के चुनावी नारे 'अच्छे दिन आने वाले हैं' पर व्यंग्य कसते हुए येचुरी ने किशोर कुमार के लोकप्रिय गाने का उल्लेख किया कि देश के लोग अब इसकी जगह गा रहे हैं 'कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन.' उन्होंने कहा, "अच्छे दिन केवल पूंजीवादियों और कारपोरेट घरानों के लिए है. घरवापसी की बात छोड़ मोदीजी धनवापसी पर बात करने लगे हैं, लेकिन हमने कालाधन वापस लाने के लिए इस सरकार की ओर से कोई कदम उठता हुआ नहीं देख रहा."
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