उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने बर्खास्त सिपाहियों की तत्काल बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।विशेष सचिव (गृह) डीके गुप्ता ने यहाँ यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बर्खास्त सिपाहियों की बहाली से संबंधित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गत वर्ष आठ दिसम्बर के आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय से स्थगनादेश का अनुरोध किया था।
उच्चतम न्यायालय में राज्य सरकार का अनुरोध अस्वीकार हो जाने के बाद अब 18 हजार से अधिक सिपाहियों की बहाली की प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
गुप्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार दागी और साफ छवि वाले सिपाहियों को अलग-अलग चिन्हित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक कठिन प्रक्रिया है, जिसके लिए अलग से एक समिति का गठन किया जाएगा। प्रदेश में मुलायमसिंह यादव के शासनकाल में सिपाहियों की भर्ती की गई थी। मायावती सरकार द्वारा बर्खास्त सिपाहियों की वास्तविक संख्या के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने बताया कि 2007 में 42 भर्ती चयन बोर्डों द्वारा पीएसी, सिविल पुलिस और वायरलेस में 18 हजार से अधिक सिपाहियों की भर्ती की गई थी।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने चार मार्च को उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका दायर की थी। उस पर जुलाई के प्रथम सप्ताह में सुनवाई होना है। यह पूछे जाने पर कि बर्खास्त सिपाहियों की बहाली किस तिथि से की जाएगी, गुप्ता ने बताया कि सिपाहियों की बहाली उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार तथा ऐसे मामलों मे पिछले सरकारी निर्णयों के अनुरूप ही की जाएगी।
मुलायमसिंह यादव के शासनकाल में भर्ती सिपाहियों की बर्खास्तगी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि बर्खास्ती भर्ती में धांधली और अनियमितताओं के चलते की गई थी।
मंगलवार, 26 मई 2009
बर्खास्त सिपाही के बहाली के आदेश जारी.
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