इसे मिलाकर कैबिनेट में अब कुल 78 मंत्री हो गए हैं जिसमें कई ऐसे लोग हैं जो पहली बार मंत्री बने हैं। शपथ लेने वालों में जहां साठ साल से ऊपर के फ़ारुख अब्दुल्ला थे वहीं 28 साल की मंत्री अगाथा संगमा भी थीं। अगाथा संगमा, सलमान खुर्शीद, जितिन प्रसाद और सचिन पायलट ने जहां हिंदी में शपथ ली वहीं कुछ मंत्रियों ने अंग्रेज़ी में शपथ ली। समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव राहुल गांधी और हफ्ते भर पहले शपथ ले चुके अन्य वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद थे।
59 मंत्रियों की नई सूची में 14 कैबिनेट स्तर के, सात स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 38 राज्य मंत्री हैं। कैबिनेट स्तर के 19 मंत्री पहले ही शपथ ले चुके हैं। हलाँकि इनमें से अभी तक सिर्फ़ छह कैबिनेट मंत्रियों के विभागों की ही घोषणा हुई है। इस तरह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मिलाकर मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 78 हो जाएगी। मंत्रिपरिषद के 79 सदस्यों में 60 संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के मुख्य घटक दल कांग्रेस के कोटे से हैं।
पिछली सरकार में मंत्री रहे अर्जुन सिंह, हंसराज भारद्वाज, शिवराज पाटिल, रेणुका चौधरी, सैफ़ुद्दीन सोज, अश्विनी कुमार और ऑस्कर फ़र्नांडिस को इस बार जगह नहीं दी गई है।
पहली बार जिन सांसदों और नेताओं को मंत्री बनने का मौका मिला है उनमें अगाथा संगमा, कृष्णा तीरथ, परनीत कौर, मल्लिकार्जुन खड़गे, एमके अझगिरी, ए साईप्रताप, गुरुदास कामथ, महादेव खंडेला, हरीश रावत, केवी थॉमस, सौगत रॉय, शिशिर अधिकारी, सुल्तान अहमद, मुकुल रॉय, मोहन जाटुआ, डी नेपोलियन, एस जगतरक्षकन, एस गांधी सेल्वन, सचिन पायलट, भरत सिंह सोलंकी, तुषारभाई चौधरी, अरुण यादव, प्रतीक प्रकाश बापू पाटिल, आरपीएन सिंह, विंसेंट पॉल और प्रदीप जैन शामिल हैं।
एसएम कृष्णा सबसे अधिक उम्र ७७ साल के सदस्य हैं। युवा मंत्रियों में उत्तर प्रदेश से जितिन प्रसाद, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान से सचिन पायलट हैं।
सालो बाद केंद्र में बनने वाली किसी सरकार में बिहार का दबदबा नहीं है। वहां से सिर्फ़ एक कैबिनेट मंत्री हैं, कांग्रेस सांसद मीरा कुमार। उत्तर प्रदेश से भी कोई भी कैबिनेट स्तर का मंत्री नहीं होगा। यहां से पांच नेताओं को राज्यमंत्री बनना तय हुआ है जिनमें दो को स्वतंत्र प्रभार दिया जाएगा। तमिलनाडु और महाराष्ट्र से कैबिनेट स्तर के पांच-पांच मंत्री होंगे।
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