मधुमेह जैसी घातक बीमारी भारत को बुरी तरह जकड़ती जा रही है। इंटरनेशनल डायबटीज फेडरेशन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में मधुमेह के सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं। भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या 5.08 करोड़ है। वहीं चीन 4.32 करोड़ मरीजों के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकि अमेरिका 2.68 मरीजों के साथ तीसरे नंबर पर है।
आईडीएफ के अध्यक्ष प्रो। जीन क्लॉड बान्या के मुताबिक इन आंकड़ों से यह सिद्ध होता है कि अब यह बीमारी नियंत्रण के बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा, "हम इस बीमारी से लड़ने की शक्ति खोते जा रहे हैं। कोई ऐसा देश नहीं है, जहां ये बीमारी नहीं हो और न ही किसी देश में इससे लड़ने की पूरी क्षमता है।"
आईडीएफ ने अनुमान लगाया है कि 2010 में इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरे विश्व में 37600 करोड़ अमेरिकी डालर का खर्चा आएगा। वर्ष 2030 तक यह खर्च 49000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। भारत में सबसे ज्यादा मधुमेह के रोगी हैं। जहां हर साल 280 करोड़ डॉलर इससे लड़ने में खर्च होते हैं।
आईडीएफ के प्रो. निगेल अनविन ने कहा कि पूरे विश्व को एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ हेल्थ सिस्टम तैयार करना होगा। जिससे समय पर इसकी जांच हो सके और उससे बचाव किया जा सके। आईडीएफ ने कहा कि विश्व के तमाम देश ऐसे हैं, जिनके पास मधुमेह से लड़ने की पर्याप्त क्षमता नहीं है। यानी उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में मधुमेह से लड़ने की ताकत नहीं है। और यह पूरे विश्व के लिए घातक है।
शनिवार, 14 नवंबर 2009
सबसे ज्यादा मीठे भारतीय, सर्वाधिक मधुमेह रोगी!!
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