तस्लीमा के मुताबिक उनका सबकुछ कोलकाता में है और वो वहां लौटना चाहती हैं। मैं उसे कभी छोड़ना नहीं चाहती थी लेकिन चूंकि सरकार मुझ पर लगातार दबाव बना रही थी इसलिए मुझे मजबूरी में छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोलकाता छोड़ने के बाद सरकार ने मुझे एक सुरक्षित घर में रखा और फिर देश छोड़ने को बाध्य किया। इसके बाद मैं एक देश से दूसरे देश भटक रही हूं।
भारत में रहने की अनुमति नहीं मिलने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं अब भी बांग्लादेश लौटना चाहती हूं क्योंकि वह मेरा पहला घर है और अगर नहीं तो मैं कोलकाता लौटने की प्रार्थना करती हूं। उन्होंने कहा कि मुझे अब भी उम्मीद है कि सरकार अपना मत बदलेगी और मुझे कोलकाता लौटने की अनुमति मिलेगी।
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सेंसेशनलिज़्म के ये ख़तरे तो हैं ही न
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