महिलाओं के लिए वियाग्रा !!! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 18 नवंबर 2009

महिलाओं के लिए वियाग्रा !!!

अवसाद कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली एक दवा, जो बाज़ार में उतारे जाने से पहले होने वाली परीक्षा में फेल हो गई, उसे "महिलाओं के वायग्रा" के तौर पर काफ़ी सराहना मिल रही है।

तीन अलग अलग परीक्षणों में, फिबनसरीन नाम की इस दवा ने उन महिलाओं की सेक्स ड्राइव के लिए चौंकाने वाला काम किया, जिनकी इस विषय में दिलचस्पी कम हो गई थी, जबकि इन्हीं महिलाओं के मूड पर इस दवा का कोई असर नहीं हुआ.
इस खोज का पता भी अचानक ठीक उसी तरह चला जैसा कि वायग्रा के साथ हुआ था. मूल तौर पर वायग्रा को दिल की बीमारी के इलाज के लिए बनाया गया था.
अमरीका की इस खोज को फ्रांस के लिओन में हो रही उस बैठक में पेश किया गया जहाँ सेक्स की दवाओं पर चर्चा हुई।

नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर जॉन थोर्प ने यूरोपियन सोसाइटी फॉर सेक्सुअल मेडिसिन को बताया, " फिबनसरीन एक बेकार अवसादरोधक साबित हुआ, लेकिन गहरे अध्ययन के बाद ऐसा पाया गया है कि प्रयोगशाला में कुछ जानवरों और इंसानों पर जो प्रयोग हुए, उसमें इसने उनकी कामवासना को बढ़ाया है."
जॉन थोर्प ने ये भी कहा कि इसी वजह से उन लोगों ने प्रयोगशाला में इस दवा को लेकर और भी परीक्षण किए.
इस शोध में जिन महिलाओं ने ये दवा ली उनमें उनकी कम हुई कामवासना में उस दिन महत्वपूर्ण सुधार दिखा और उन्हें सेक्स में भी पूर्ण संतुष्टि हुई.
जॉन थोर्प का कहना था, "ये मूल रूप से महिलाओं के लिए वायग्रा की तरह की दवा है. कम होती कामवासना महिलाओं की सेक्स संबंधी ठीक वैसी ही समस्या है, जैसा कि पुरुषों में उनके लिंग का लचीलापन यानि इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है."
इस विषय में अमरीका, कनाडा और यूरोप की दो हज़ार महिलाओं पर परीक्षण किए गए.
लेकिन महिलाओं की कामवासना को बढ़ाने के लिए दवाओं के औचित्य को ही लेकर कुछ डॉक्टरों ने संशय ज़ाहिर किया है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन के प्रोफेसर अर्विन नाज़रथ ने कहा है, " कम हुई कामवासना सामान्य भी हो सकती है."
औरों का कहना है कि दवाओं पर निर्भर रहने से सेक्स की समस्या से जूझ रहे दंपत्ति इस समस्या के दूसरे पहलुओं को नज़रंदाज़ करने लगेंगे।






कोई टिप्पणी नहीं: