अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि आतंकवाद ने पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्रों में अपनी जड़ें जमा ली है। अमेरिका तथा उसके सहयोगियों को इससे निपटने की जरूरत है।
न्यूयार्क के वेस्ट प्वायंट मिलिट्री अकादमी में ओबामा ने कहा कि हम अफगानिस्तान को एक बार फिर कैंसर से बचाने के लिए वहां हैं। यह पूरे देश में एक बार फिर से फैल रहा है लेकिन इसी कैंसर ने पाकिस्तान के सीमाई क्षेत्रों में जड़ें फैला ली हैं। हमें ऐसी रणनीति अपनाने की जरूरत है जो सीमा के दोनों तरफ काम करे।
ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसे लोग भी हुए हैं जिनका कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ चल रहा संघर्ष उनकी लड़ाई नहीं है।
ओबामा ने कहा कि लेकिन हाल के वर्षों में कराची से इस्लामाबाद तक निर्दोष लोग मारे गए हैं। अब यह साफ हो गया है कि आतंकवाद से सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तानी लोगों को ही है। वहां जनमत बदल गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना स्वात और दक्षिणी वजीरिस्तान में उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका और पाकिस्तान का दुश्मन एक है।
ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान से सहयोग के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है जो आपसी हित, आपसी सम्मान और आपसी भरोसे पर आधारित होगा।
ओबामा ने कहा कि हम हमारे देशों को संकट पहुंचाने वाले उन समूहों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाएंगे और हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोकतंत्र और उसके विकास को समर्थन देने के लिए अमेरिका पर्याप्त संसाधन मुहैया करा रहा है। पाकिस्तान में विस्थापित हुए लोगों को हम दुनिया में सबसे ज्यादा मदद दे रहे हैं।
ओबामा ने कहा कि और इससे बढ़कर पाकिस्तान के लोगों को यह समझना होगा कि अमेरिका बंदूकों की आवाज खामोश होने के बाद उनकी सुरक्षा और समद्धि का सबसे मजबूत समर्थक रहेगा। ताकि वहां की जनता की क्षमताओं का पूरा दोहन हो सके।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सक्रिय साझेदारी उनके प्रशासन की तीन प्रमुख रणनीतियों में से एक है। इसमें वहां बदलाव के लिए हालात पैदा करने में सैन्य प्रयास भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले अतंरराष्ट्रीय बलों द्वारा शिकस्त के बाद अलकायदा के नेताओं ने अब पाकिस्तान में अपने लिए सुरक्षित ठिकाने बना लिए हैं।
ओबामा ने कहा कि वर्ष 2001 और 2002 में हार के बाद अलकायदा ने सीमा पार पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने बना लिए हैं।
बुधवार, 2 दिसंबर 2009
आतंकवाद ने पाकिस्तान के सरहदी क्षेत्रों में अपनी जड़ें जमा ली है !!
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4 टिप्पणियां:
अमेरिका एक चालक व्यापारी है, और पाकिस्तान एक भिखमंगा जो बार बार व्यापारी की दूकान पर हाथ पसार देता है मांगने के लिए ! इस भिखमंगे से क्या फायदा उठाया जा सकता है, अमेरिका रूपी व्यापारी बखूबी जानता है !पाकिस्तान की नाक में अगर शर्म होती तो सोचता की क्यों आज वह अपने ही देश में अपने लोगो से युद्ध लड़ रहा है ? जबकि ये आतंक के बीज बोने के लिए इस भिखमंगे को इसी व्यापारी ने दिए थे !
आपके विचारो से सहमत हूँ .......जिसने आतंकवाद को बढ़ावा दिया आज वही उसके चंगुल में है .... कहा गया है जो जैसा करता है उसे वैसे परिणाम भुगतने पड़ते है .....
आपके विचारो से सहमत हूँ .......
अमेरिका सिर्फ़ अपने हित की बात करता है ....... ज़रूरत है अपने हित को साधने की जब जब अमेरिका ज़रूरत में हो ............
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