भतीजे राज ठाकरे के मराठी मानुष मुद्दे को हथिया लेने के बाद अब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे मराठी मुद्दे पर कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने नहीं देना चाहते हैं। इसी क्रम में इस बार उन्होंने पानी के बहाने दूसरे प्रदेश के लोगों पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुंबई के पानी पर पहला हक मराठियों का है। गैर-मराठी बिना टैक्स दिए पानी का इस्तेमाल करें और मराठी लोगों को तकलीफ उठानी पड़े,यह नहीं चलेगा। ठाकरे ने उक्त बातें अपने पार्टी मुखपत्रसामना के संपादकीय में उठाया है।
गौरतलब हैं की मुंबई और इसके आसपास इस वर्ष बरसात कम होने के कारण मुंबईवासियों को पानी की आपूर्ति में 15 फीसदी कटौती का सामना करना पड़ रहा है। महानगर को पानी की आपूर्ति आसपास के कुछ बड़ी झीलों में जमा बरसाती पानी पर निर्भर है। मगर इस बार इन झीलों का जलस्तर भी सामान्य से करीब 25 फीसदी कम है। इसे देखते हुए निकट भविष्य में पानी की कमी हो सकती हैं। इसलिए राजनीतिक दलों ने पानी को अभी से मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।
दो दिन पहले ही कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री नारायण राणे के पुत्र नितेश राणे द्वारा पानी के मुद्दे पर मुंबई महानगरपालिका के बाहर प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन पर हुए लाठीचार्ज में एक कार्यकर्ता की मौत भी हो गई थी।
पानी के मुद्दे को गरम देख बाल ठाकरे ने भी संपादकीय लिखकर इस बहाने मराठी मुद्दे को राज से छीनना चाहते है। कभी शिवसेना के मुख्यमंत्री रह चुके राणे को आड़े हाथ लेते हुए ठाकरे ने लिखा है कि मंत्रीपद संभाल रहे लोगों को प्रदर्शन करने के बजाय मुंबई में आ रहे लोगों को रोकने का कानून बनाना चाहिए।
सोमवार, 7 दिसंबर 2009
बाल ठाकरे मराठी मुद्दे पर कोई भी मौक़ा हाथ से जाने नहीं देना चाहते !!
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1 टिप्पणी:
गरीबी और मंहगाई से बड़ा मराठी मुद्दा हो गया है।
-आभार
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