झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने के फैसले से गठबंधन की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) स्तब्ध हो गई है। भाजपा ने कहा है कि वह अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में 25 मई को फैसला लेगी।
भाजपा के साथ हुए समझौते से पलटते हुए सोरेन ने गुरुवार को बोकारो में कहा था कि वह मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ 28-28 महीने के आधार पर सत्ता की साझेदारी स्वीकार्य नहीं है।
इस बीच झामुमो के दो असंतुष्ट विधायक टेकला महतो और लोबिन हेमग्रोम गुरुवार को नई दिल्ली में थे। माना जा रहा है कि वे राज्य में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना तलाश रहे हैं।
सोरेन ने यह भी कहा कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के नाम का खुलासा नहीं किया। लोकसभा सांसद सोरेन को मुख्यमंत्री पद बने रहने के लिए 30 मई तक राज्य विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, ''शिबू सोरेन एक ऐसे राजनेता हैं जिनके बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हम 25 मई तक इंतजार करेंगे और उसके बाद आगे के कदम के बारे में फैसला करेंगे। सोरेन ने हमें आश्वस्त किया है कि वह 25 मई को सत्ता का हस्तांतरण कर देंगे। हम मीडिया में बयान नहीं दे सकते।''
भाजपा नेता ने कहा, ''पार्टी के सामने केवल दो विकल्प हैं, या तो वह झामुमो के समर्थन से सरकार बनाए या फिर समर्थन वापस ले।''
सूत्रों के मुताबिक झामुमो भाजपा के किसी मजबूत नेता को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करना नहीं चाहती। भाजपा ने संभवत: पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया लेकिन झामुमो मानती है कि मुंडा भविष्य में उसकी बातों को नहीं मान सकते हैं।
भाजपा के साथ हुए समझौते से पलटते हुए सोरेन ने गुरुवार को बोकारो में कहा था कि वह मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ 28-28 महीने के आधार पर सत्ता की साझेदारी स्वीकार्य नहीं है।
इस बीच झामुमो के दो असंतुष्ट विधायक टेकला महतो और लोबिन हेमग्रोम गुरुवार को नई दिल्ली में थे। माना जा रहा है कि वे राज्य में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना तलाश रहे हैं।
सोरेन ने यह भी कहा कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के नाम का खुलासा नहीं किया। लोकसभा सांसद सोरेन को मुख्यमंत्री पद बने रहने के लिए 30 मई तक राज्य विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, ''शिबू सोरेन एक ऐसे राजनेता हैं जिनके बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हम 25 मई तक इंतजार करेंगे और उसके बाद आगे के कदम के बारे में फैसला करेंगे। सोरेन ने हमें आश्वस्त किया है कि वह 25 मई को सत्ता का हस्तांतरण कर देंगे। हम मीडिया में बयान नहीं दे सकते।''
भाजपा नेता ने कहा, ''पार्टी के सामने केवल दो विकल्प हैं, या तो वह झामुमो के समर्थन से सरकार बनाए या फिर समर्थन वापस ले।''
सूत्रों के मुताबिक झामुमो भाजपा के किसी मजबूत नेता को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करना नहीं चाहती। भाजपा ने संभवत: पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया लेकिन झामुमो मानती है कि मुंडा भविष्य में उसकी बातों को नहीं मान सकते हैं।
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