मैंगलोर विमान हादसे के एक दिन बाद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की एक टीम ने विमान के मलबे से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर प्राप्त किया है।
टीम ने अब सबसे पहले विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच शुरु कर दी है। रिकॉर्डर में दर्ज जानकारी से इस दर्दनाक हादसे की सही वजह का पता चल सकेगा।
टीम ने अब सबसे पहले विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच शुरु कर दी है। रिकॉर्डर में दर्ज जानकारी से इस दर्दनाक हादसे की सही वजह का पता चल सकेगा।
डीजीसीए ने बताया कि हमने रविवार सुबह विमान के मलबे से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर को प्राप्त किया है लेकिन ब्लैक बॉक्स अभी तक नहीं मिल पाया है। वॉइस रिकॉर्डर से अब यह पता लग सकेगा कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले क्या पायलट ने किसी से कोई संपर्क करने की कोशिश की थी या नहीं। इसके साथ विमान के लैंड करते समय विमान के अंदर क्या-क्या हुआ इस बात की भी जानकारी मिल सकती है।
मैंगलोर विमान हादसे की जांच में अब अमेरिका भारत की मदद करेगा। अमेरिकी परिवहन विशेषज्ञों की एक टीम बोइंग के अधिकारियों के साथ मिलकर मैंगलोर विमान हादसे की जांच करेगी। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि शनिवार को विमान दुर्घटना के बाद सिविल एविएशन (डीजीसीए) के महानिदेशक ने हमसे जांच में मदद की पेशकश की थी, जिसके बाद अब हमारी टीम मंगलवार सुबह मैंगलोर पहुंचकर बोइंग अधिकारियों के साथ जांच में जुट जाएगी। भारत सरकार ने भी हादसे के बाद अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएबी) से जांच में मदद करने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध किया था।
मैंगलोर में विमान हादसे के बाद वहां पर पड़े शवों को पहचानना मुश्किल हो गया है, क्योंकि कुछ शव तो इतनी बुरी तरह से जल गए हैं कि उनको किसी भी हालत में उनके परिजनों तक नहीं पहुंचाया जा सकता। इसलिए प्रशासन ने शवों की पहचान के लिए हैदराबाद से डीएनए विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। ज्यादा जल गए डीएनए टेस्ट से मृतकों की पहचान हो सकेगी।
दुबई से कर्नाटक के मंगलौर पहुंचा एयर इंडिया का विमान शनिवार को बाजपे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रनवे से फिसलकर खाई में जा गिरा। इससे 158 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दोनों पायलट सहित क्रू के छह सदस्य भी शामिल हैं। हादसे में आठ लोग बच गए हैं। बोइंग 737 विमान की फ्लाइट नंबर आई एक्स 812 ने दुबई से तड़के तीन बजे उड़ान भरी थी और सुबह 6.05 बजे मंगलौर में उतरने के दौरान यह हादसा हुआ।
नागरिक उड्डयन महानिदेशक डीजीसीए ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। बोइंग 737-800 एयर इंडिया के बेड़े में 15 जनवरी 2008 को शामिल किया गया था और इसे सर्बियाई मूल के ब्रिटिश नागरिक कैप्टन जेड ग्लूसिका उड़ा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, उतरते समय यह विमान रनवे से 2000 फीट आगे निकल गया। लैंडिंग के कुछ ही सेकंडों में विमान एटीसी के एंटीना से टकराया और एयरपोर्ट की चहारदीवारी तोड़ता हुआ खाई में जा गिरा।
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