उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने यह घोषणा करके लोगों को चौंका दिया है कि जया बच्चन एक बार फिर से राज्यसभा के लिए उनकी पार्टी की उम्मीदवार होंगी. समाजवादी पार्टी के निष्कासित महासचिव अमर सिंह से क़रीबी रिश्तों की वजह से माना जा रहा था कि इस बार पार्टी शायद जया बच्चन को राज्यसभा की सीट न दे.
कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी को अमिताभ बच्चन के इस फ़ैसले पर भी आपत्ति है कि वे नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के ब्रांड एंबेसेडर की भूमिका निभाएँ. उस पर दिक़्कत यह थी कि राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या घटने से इस बार समाजवादी पार्टी के लिए राज्यसभा में सीटों की संख्या भी कम हो गई है. दस जून को राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव होने हैं.
जया बच्चन सहित समाजवादी पार्टी के सात सदस्यों का कार्यकाल जुलाई में पूरा होने जा रहा है. नए समीकरणों के अनुसार अब राज्य से समाजवादी पार्टी के दो ही सदस्य चुने जा सकते हैं. मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जया बच्चन और रशीद मसूद को पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बनाने की घोषणा की. इससे पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि जया बच्चन की जगह पार्टी के नए प्रवक्ता मोहन सिंह को राज्यसभा में भेजा जाए.
अमर सिंह ने ही बच्चन परिवार को समाजवादी पार्टी से जोड़ा था और जब अमर सिंह को ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया तो यह चर्चा स्वाभाविक थी कि शायद जया बच्चन को दूसरी पारी न मिले. ऐसी चर्चा इसलिए भी चल रही थी क्योंकि जब अमर सिंह को निष्कासित किया गया था तो जया बच्चन ने उस निर्णय को ग़लत बताया था.
हालांकि इसके बाद जया बच्चन ने समाजवादी पार्टी का दामन नहीं छोड़ा था. इसके बाद अमर सिंह और उनके परिवार के बीच एक दूरी साफ़ दिखाई देने लगी थी. अमर सिंह एक बार कह चुके हैं कि जया बच्चन का समाजवादी पार्टी में बने रहना उनका निजी निर्णय है और इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
अमर सिंह के निष्कासन के बाद जयाप्रदा और संजय दत्त ने उनका खुला समर्थन किया था. जयाप्रदा को पार्टी से निकाल दिया गया था और संजय दत्त ने इस्तीफ़ा दे दिया था
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