आतंकी हमले की चेतावनी के मद्देनजर हाई अलर्ट हैदराबाद के पुराने शहर में शुक्रवार को तीन नकाबपोश बंदूकधारियों ने एक पुलिस चौकी के पास हमला कर दिया। हमलावरों की फाय्रिंग में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। हमला शाम करीब चार बजे हुआ। फायरिंग में शहीद होने वाला यू. रमेश आंध्र प्रदेश स्पेशल पुलिस का कांस्टेबल था।
जिस पुलिस दल पर हमला हुआ वह मक्का मस्जिद में 2007 में हुए विस्फोट की तीसरी बरसी के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंधों में लगा हुआ था। बरसी 18 मई को है। शाह अली बंडा घनी आबादी वाला इलाका है। यह चारमीनार से महज एक किलोमीटर दूर है।
हैदराबाद पुलिस को एक महीने पहले ही आईबी ने सतर्क किया था कि यहां भी मुंबई जैसे आतंकी हमले हो सकते हैं। वहीं मक्का मस्जिद में 18 मई को हुए विस्फोट की तीसरी बरसी पर सतर्क रहने की चेतावनी भी दी गई थी। शहर में स्पेशल पुलिस के जवानों को खास तौर पर तैनात किया गया था।
प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने हमले में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के हाथ होने की आशंका जताई है। सिमी के ही विकारुद्दीन के हाथ होने की बात खास तौर पर कही जा रही है। विकारुद्दीन पर राज्य पुलिस करीब तीन वर्षो से नजर रख रही थी। पहले भी पुलिस चौकी पर हमला करने के मामले में वह आरोपी है।
3 दिसंबर, 2008 को विकारुद्दीन और उसके सहयोगियों ने ही फलाक्नुमा पुलिस चौकी को निशाना बनाया था। हैदराबाद पुलिस आयुक्त एके खान ने बताया कि विकारुद्दीन दरगाह जिहाद-ए-शहादत का भी कार्यकर्ता था और मुस्लिम युवकों को प्रशिक्षण देता था। इंटेलिजेंस विशेषज्ञों ने कहा है कि यह बेहद ही आश्चर्य की बात है कि पिछले एक महीने से राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, फिर भी तीन आतंकी खुलेआम बंदूक लेकर सड़कों पर नजर आते हैं। यह राज्य पुलिस की साफ नाकामी है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की टीम ने मामले में एक घटनास्थल से सीडी बरामद की है। इससे अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि 2008 में भी हमने उर्दू में एक चिट्ठी बरामद की थी, जिसमें पुलिस को लगातार निशाना बनाए जाने की बात कही गई थी।
1 टिप्पणी:
bada hi sansanikhej aalekh...jaankari ke liye shukriya
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