नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रविवार दोपहर हुई भगदड़ में कम से कम 15 लोग घायल हो गए। दमकल अधिकारियों ने कहा कि यह घटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 12 और 13 पर अपराहन दो बजकर 50 मिनट पर हुई।
एक महिला और एक बच्ची की इस हादसे में मौत हो गई है। हादसे के कारण अधिकांश यात्रियों के सामान खो गए। यात्रियों के अनुसार, उनके कई अपने तो ट्रेन में चढ़ने में सफल रहे लेकिन वे प्लेटफॉर्म पर ही रह गए। कई यात्रियों के टिकट खो गए जिससे ट्रेन में चढ़ने में असफल रहने वाले यात्रियों के लिए अब घर जाना भी मुश्किल हो गया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, करीब 14 से 15 लोग इसमें घायल हुए हैं। यह घटना यात्रियों की भीड़भाड़ के चलते हुई। भगदड़ से 40 लोगों के घायल होने की खबर है जिनमें से 15 की हालत गंभीर बताई जा रही है। भगदड़ के शिकार अधिकांश लोग सम्पर्क क्रांति में सवार होने के लिए आए थे।
एक महिला और एक बच्ची की इस हादसे में मौत हो गई है। हादसे के कारण अधिकांश यात्रियों के सामान खो गए। यात्रियों के अनुसार, उनके कई अपने तो ट्रेन में चढ़ने में सफल रहे लेकिन वे प्लेटफॉर्म पर ही रह गए। कई यात्रियों के टिकट खो गए जिससे ट्रेन में चढ़ने में असफल रहने वाले यात्रियों के लिए अब घर जाना भी मुश्किल हो गया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, करीब 14 से 15 लोग इसमें घायल हुए हैं। यह घटना यात्रियों की भीड़भाड़ के चलते हुई। भगदड़ से 40 लोगों के घायल होने की खबर है जिनमें से 15 की हालत गंभीर बताई जा रही है। भगदड़ के शिकार अधिकांश लोग सम्पर्क क्रांति में सवार होने के लिए आए थे।
3 टिप्पणियां:
बहुत दुखद है. कभी इस स्टेशन पर जाना पड़े तो इन्सान दहशत में आ जाता है. हर जनरल बोगी की अनारक्षित 72 सीटों के लिए कम से कम तीन से पांच सौ लोग इंतज़ार कर रहे होते हैं व इन्हें छोड़ने के लिए जो लोग आते हैं वो अलग. इस बीव GRP के लोग व कुलीनुमा लोकल गुंडे अलग से रहते हैं जो यार्ड से ही सीटें घेर कर बैठे रहते हैं व बाद में पैसे लेकर लोगों को वहां बैठने देते हैं.
यहां कोई कानून व्यवस्था नहीं होती ऐसे में यहां इस तरह की भगदड़ कोई बड़ी बात नहीं है. यह भगदड़ तो यहां हर रोज़ ही होती है, बस छुट्टियों के चलते भीड़ कुछ ज़्यादा हो गई तो कुछ लोग आज जान से चले गए.
बस दो-एक दिन कुछ जवान लगा दिये जाएंगे उसके बाद फिर वही शुरू होगा. इन बोगियों में वे ग़रीब लोग चलते हैं जिनकी पहचान भी मुश्किल है, ये कौन AC पैसेंजर हैं कि इनके लिए कोई पक्का इंतज़ाम किया जाए. ये यात्री सिर्फ़ रेलमंत्री के बजट भाषण के बाद वोट मांगने के काम आते हैं.
बहुत अफसोसजनक!
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