दारुल उलूम फरंगी महल ने एक फतवा जारी करते हुए कहा है कि मुस्लिम लड़कियों को तालीम (शिक्षा) हासिल करना जरुरी है।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली एवं दारुल इफ्ता के अन्य मुफ्तियों ने डा. हुमा ख्वाजा नाम की एक महिला के सवाल पर जारी फतवे में हदीस के हवाले से कहा है कि 'तालीम ( शिक्षा) हासिल करना हर मुसलमान के लिए अनिवार्य है, चाहे वह पुरुष हो या महिला।’
फतवे में कहा गया है कि इंसान दुनिया में इसलिए आया है कि वह मानवता को अज्ञानता से निकाल कर इल्म ज्ञान की रोशनी में दाखिल करे और इसमें शिक्षा ग्रहण करने पर बहुत बल दिया गया है।
फतवे में कहा गया है कि लड़कों को ही नहीं लड़कियों की तालीम पर भी इस्लाम में बहुत बल दिया गया है क्योंकि एक पढ़ी लिखी औरत पूरे समाज को शिक्षित कर सकती है।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम ने फरमाया है कि जो व्यक्ति बेटियों या बहनों का पालन और उनको अच्छी तालीम देकर उनकी शादी बेहतर ढंग से करता है तो अल्लाह उसको जन्नत देता है।
उन्होंने आगे कहा है कि इस्लाम ऐसा धर्म है जिसने कि औलाद तो औलाद बांदियों, नौकरानियों की शिक्षा दीक्षा को भी बढ़ावा दिया है, इसलिए कि औलाद की बेहतर तालीम के लिए मां का शिक्षित होना बहुत जरुरी है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण उनका शिक्षा में पिछड़ा होना है।
मंगलवार, 18 मई 2010
एक और फतवा, मुस्लिम महिलाओं के शिक्षा के नाम.
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2 टिप्पणियां:
Bilkul sahi Kaha hai.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
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