धोनी को मुख्य तौर पर हार का जिम्मेदार मानना अनुचित :- अमिताभ बच्चन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 मई 2010

धोनी को मुख्य तौर पर हार का जिम्मेदार मानना अनुचित :- अमिताभ बच्चन


अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में कहा है कि ट्वेंटी-20 विश्वकप में भारतीय टीम की निराशाजनक हार के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को निशाने पर लेना ठीक नहीं। विश्व कप में ख़राब प्रदर्शन के कारण धोनी की कप्तानी दांव पर लग गई है।

अमिताभ ने कहा कि बेशक टीम की हार निराशाजनक है लेकिन जिस तरह क्रिकेट प्रेमी इस हार पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर कर रहे हैं और खिलाड़ियों को निशाने पर ले रहे हैं, वह वाकई खेदजनक है।

उनहोने लिखा है कि धोनी को जिस तरह निशाने पर लिया जा रहा है, उसे देखकर वह हैरान हैं। एक सप्ताह पहले यही खिलाड़ी सबकी आंखों का तारा था लेकिन एक सेकेंड में सबका नज़रिया बदल गया। आज हर कोई खिलाड़ियों को अपने निशाने पर ले रहा है और धोनी को हार के लिए मुख्य तौर पर ज़िम्मेदार मान रहा है।
यह अनुचित है। घर में बैठकर यह कहते रहना कि क्रिकेट इस तरह नहीं, उस तरह खेला जाना चाहिए वाकई बहुत आसान है लेकिन पिच पर जाने से एक खिलाड़ी की परेशानियों का अंदाज़ा होता है। उस समय हमें पता चलता है कि एक खिलाड़ी किस हालात से गुज़र रहा होता है। इसलिए हमें इतनी जल्दी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

खुद को बड़ा क्रिकेट प्रशंसक घोषित कर चुके अमिताभ ने स्वीकार किया कि टीम की हार से वह भी निराश हैं लेकिन इसका मतलब यही है कि वह अपने ज़मीर को मारकर खिलाड़ियों की दिन-रात आलोचना करते रहें। अमिताभ ने लिखा है कि ट्वेंटी-20 विश्वकप में भारतीय टीम के प्रदर्शन से हम सभी निराश हैं लेकिन इस हार मात्र से हमारे खिलाड़ियों की जीतने की शक्ति नहीं ख़त्म हो गई। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खिलाड़ियों को 'सूली' पर चढ़ाने की बात कर रहा है। हमें अपने खिलाड़ियों के साथ रहना चाहिए क्योंकि मनोबल ही उनकी सबसे बड़ी शक्ति है।

अमिताभ ने समाचार चैनलों को सीख देते हुए कहा कि अगर वह किसी चैनल के मालिक होते तो वह आलोचना में नहीं पड़कर अपने चैनल पर इस वक्त भारतीय टीम के सुनहरे पलों के वीडियो दिखा रहे होते। आलोचना की जगह अपने चैनल के माध्यम से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने का काम करते। वह धोनी से बार-बार यही कहते कि तुम आगे लगातार जीत सकते हो। तुम्हें अपने साथियों पर भरोसा है और हमें तुम पर भरोसा है..इसलिए आगे बढ़ो और तमाम नाकामियों को भुलाकर जीत की नई इबारत लिखो।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

"आगे बढ़ो और तमाम नाकामियों को भुलाकर जीत की नई इबारत लिखो।"
शायद यही ठीक होगा - अगर जिम्मेदार ठहराना है तो सबसे पहले चयनकर्ताओं को.