सिंगुर में विरोध के बाद टाटा मोटर्स ने गुजरात के सानंद में नैनो कार का कारखाना लगाया और अब गाड़ी तैयार है और बुधवार को बाहर आ रही है । टाटा की नैनो कार का इंतजार कर रहे लोग अब जल्दी इसे घर पर लाने की उम्मीद कर सकते हैं।
टाटा मोटर्स के गुजरात स्थित साणंद कारखाने से पहली लखटकिया कार बुधवार को निकल कर आएगी।
करीब दो साल पहले कंपनी को अपनी महत्वाकांक्षी कार परियोजना को राजनीतिक विरोध के चलते पश्चिम बंगाल के सिंगुर से हटाना पड़ा था। इसे ही बाद में साणंद में स्थापित किया गया। इसकी वजह से नैनो को घर लाने का सपना देखने वाले हजारों लोगों का इंतजार लंबा हो गया।
रतन टाटा ने सात साल पहले आम आदमी के लिए सस्ती छोटी कार बनाने का सपना देखा था।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा बुधवार को इस नए प्लांट का उद्घाटन करेंगे। इस प्लांट पर करीब दो हजार करोड़ रुपए की लागत आई है।
फिलहाल कंपनी उत्तराखंड के पंतनगर प्लांट में सीमित संख्या में नैनो का उत्पादन कर रही है। नैनो के लिए समर्पित साणंद कारखाने के चालू होने से बुकिंग करा चुके लोगों को जल्दी कार मिलने की उम्मीद बढ़ गई है, क्योंकि इसकी सालाना क्षमता 2.5 लाख कारों का सालाना उत्पादन करने की है। इसकी बुकिंग मार्च, 2009 में शुरू हुई थी। तब दो लाख से ज्यादा लोगों ने बुकिंग कराई थी। कार की डिलीवरी भी उसी साल जुलाई से शुरू हुई। टाटा मोटर्स अब तक 35 हजार नैनो की डिलीवरी ही दे पाई है।
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