गुजरात को चक्रवात "फेट" से खतरा !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 3 जून 2010

गुजरात को चक्रवात "फेट" से खतरा !!

अरब सागर से उठे और गुजरात की ओर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहे चक्रवात ‘फेट’ को देखते हुए गुजरात में अलर्ट जारी कर दिया गया है। असर बुधवार को पूरे राज्य में दिखा। प्रशासन ने गुजरात के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी करने के साथ ही समुद्र तट के पास आने वालों गांवों को भी खाली करा दिया है। अभी तक 21 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।


जैसे-जैसे फेट गुजरात की तरफ बढ़ रहा है लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो फेट अरब सागर से होता हुआ कराची और उसके बाद गुजरात में तेजी के साथ बढ़ रहा है। फेट सबसे पहले गुजरात के सौराष्ट्र में कहर बरपा सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात अभी कच्छ जिले के नलिया से लगभग 1000 किमी की दूरी पर है। जब यह कच्छ और पोरबंदर से टकराएगा तो इसकी रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा से भी तेज होने की आशंका है। वैसे तो इसका रुख पाकिस्तान की ओर नजर आ रहा है, लेकिन इसके प्रभाव से तटवर्ती इलाकों में जोरदार बारिश होने के आसार हैं।

फेट के आने के पहले ही गुजरात के पोरबंदर, सूरत, जामनगर, भुज और राजकोट समेत कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश भी हुई। चक्रवात के गुरुवार या शुक्रवार को राज्य तक पहुंचने के आसार देखते हुए पूरे तटीय क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर 21 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

बुधवार को सौराष्ट्र के जामनगर में 4 इंच बारिश दर्ज हुई। पोरबंदर में समुद्र में 10 से 15 फुट ऊंची लहरें उठीं। कच्छ-सौराष्ट्र में 21 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।

पोरबंदर में समुद्री लहरों की चपेट में आए एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, अहमदाबाद और जामनगर में बिजली गिरने से दो लोगों ने दम तोड़ दिया। मेहसाणा में तेज हवाओं के कारण धराशायी हुई बिजली लाइन की चपेट में आ जाने से व्यक्ति की मौत हो गई। गांधीनगर सहित राज्य के अनेक हिस्सों में बिजली लाइन टूटने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है।



मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिन के कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। कच्छ, सौराष्ट्र अंचल के पोरबंदर, राजकोट एवं जामनगर जिले में सरकारी कर्मचारियों का अवकाश रद्द कर दिया गया है। फेट नाम थाईलैंड ने दिया है। पिछले समुद्री चक्रवात को लैला नाम श्रीलंका ने दिया था।

इधर, जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में तेज हवा के कारण पेड़ गिरने की अलग-अलग घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।

उधर, नौतपे के अंतिम दिन पूरे उत्तर भारत में लोगों को कोई राहत नहीं मिली। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा आदि राज्यों में लोग परेशान रहे। देश में सर्वाधिक तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस झांसी में दर्ज किया गया।

1 टिप्पणी:

आचार्य उदय ने कहा…

आईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !

आचार्य जी