केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की राजनीतिक मामलों की समिति ने मंगलवार को झारखण्ड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी है और राज्य विधानसभा को निलम्बित रखा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यझता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलो की समिति ने यह मंजूरी झारखंड के राज्यपाल एफ आ॓ एच फारूक की रिपोर्ट के आधार पर दी है।
फारूक ने सोमवार को केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम को रिपोर्ट भेजी थी।
झारखंड में शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने राज्य में नयी सरकार की संभावनायें तलाशने के लिए भाजपा, कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं से कल रांची में मुलाकात कर उनके विचारों को विस्तार से सुना। कोई भी पार्टी राज्य में सरकार बनाने की स्थितिमें नहीं होने पर उन्होंने केन्द्र को रिपोर्ट भेजकर स्थिति से अवगत करा दिया।
झारखंड में शिबू सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने राज्य में नयी सरकार की संभावनायें तलाशने के लिए भाजपा, कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं से कल रांची में मुलाकात कर उनके विचारों को विस्तार से सुना। कोई भी पार्टी राज्य में सरकार बनाने की स्थितिमें नहीं होने पर उन्होंने केन्द्र को रिपोर्ट भेजकर स्थिति से अवगत करा दिया।
झाविमो प्रजातांत्रिक के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने राज्यपाल से मिलने के बाद कहा कि उनकी पार्टी के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। उन्होंने कहा पार्टी वर्तमान परिस्थिति में झारखंड विधान सभा को निलम्बित कर राज्य में राष्ट्रपति शासन चाहती है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता रघुवर दास ने राज्यपाल से 24 घंटे का समय मांगा था। उन्होंने राज्यपाल से कहा था कि पार्टी के कई नेता और पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र में हैं इसलिए उन्हें विचार विमर्श के लिए समय दिया जाये। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं से विचार विमर्श के बाद वह राज्यपाल से मिलेंगे। राज्यपाल से कहा कि वह जल्दीबाजी में यहां आये हैं और सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह पार्टी के विधायकों और पदाधिकारयों से विचार लेना आवशयक समझाते हैं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यझ प्रदीप कुमार बालमुचू ने कलं राज्यपाल से मुलाकात की थी। उन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए उसके पास बहुमत नहीं होने की बात कही थी। उनका कहना था कि राज्य में सरकार बनाने के लिए 42 विधायकों की आवश्यकता है लेकिन उनके पास अभी तक 25 विधायकों का ही सर्मथन प्राप्त है। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि कांग्रेस के पास 14विधायक और उसकी सहयोगी झारखड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक)के पास 11 विधायक हैं।
कांग्रेस राज्य में मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार बनाने के लिय कांग्रेस के पास आवश्यक संख्या बल प्राप्त हो जायेगा तो पार्टी राजभवन आकर राज्यपाल को अवगत करा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए कांग्रेस अपने सहयोगी दलों से वार्ता करेगी।
राज्यपाल फारूक ने 31 मई तक मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था और इसके लिए 31 मई को विधानसभा की बैठक आयोजित होनी थी लेकिन भाजपा के समर्थन वापस लेने पर सोरेन ने गत रविवार की रात ही मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया तथा उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें