अफगानिस्तान का जंग केवल अमेरिका का नहीं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 18 नवंबर 2010

अफगानिस्तान का जंग केवल अमेरिका का नहीं

अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नैटो के महासचिव एंडर्स फ़ॉग रासमूसेन से मुलाक़ात के बाद ज़ोर देकर कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में जारी जंग 'केवल अमरीका का युद्ध नहीं' है. 
उत्तर एटलांटिक संधि संगठन (नैटो) के महासचिव रासमूसेन के साथ मुलाक़ात उन बैठकों में से पहली है जिनके तहत अमरीकी प्रशासन अफ़ग़ानिस्तान में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रहा है.
ये इसलिए हो रहा है क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता सवाल उठा रहे हैं कि क्या अफ़ग़ान सरकार और सेना को मज़बूत करना सही है और क्या ये संभव है?
ग़ौरतलब है कि शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी जनरल स्टेन्ली मैक्क्रिस्टल ने एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने का अनुरोध किया गया था. साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि ऐसा नहीं होता है तो अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका असफल भी हो सकता है.
अफ़ग़ानिस्तान में सैन्य अभियान के लिए जनसमर्थन गिरा है और अमरीकी राष्ट्रपति के कार्यालय में भी इस विषय पर मतभेद की ख़बरें सामने आई हैं.
बैठक के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, "हम दोनों एकमत हैं कि ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम अल क़ायदा के तंत्र को ध्वस्त करने में कामयाब हों. "
उधर रासमूसेन ने कहा, "मुझे भरोसा है कि अफ़ग़ानिस्तान में सफलता पाई जा सकती है और मिलेगी भी...आप इस बात का ग़लत आकलन मत करें. अफ़ग़ानिस्तान में सही रणनीति पर चर्चा का मतलब किसी तरह के दृढ़ संकल्प की कमी नहीं लगाना चाहिए."
अब राष्ट्रपति ओबामा अपने रक्षा मंत्री से मिलेंगे जिन्हें पहले ही अतिरिक्त सैनिकों की सिफ़ारिश मिल चुकी है. वे उप राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मिलेंगे जिन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्र निर्माण पर सवाल उठाए थे.


कोई टिप्पणी नहीं: