भारत और अमेरिका ने स्वच्छ ऊर्जा, उच्च शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सोमवार को महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा की जबकि आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को संस्थागत रूप देते हुए दोनों देशों ने (गृह मंत्रलयों के बीच संवाद) शुरू करने का निर्णय लिया। के
इनमें दो समझौते और सहमति के चार करार शामिल हैं। दोनों पक्षों ने विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता केंद्र स्थापित करने का भी फैसला किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच करीब दो घंटे चली बातचीत के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं ने इन समझौतों और सहमतियों की जानकारी दी। ओबामा ने कहा कि रोगों की पहचान का नया केंद्र भी नई दिल्ली में स्थापित किया जाएगा और भारत में मानसून के दौरान बारिश के पूर्वानुमान के लिए अध्ययन केंद्र खोला जाएगा।
ओबामा ने कहा कि वह व्यापार की बाधाएं तथा संरक्षणवादी अड़चनों को दूर करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के स्वच्छ ऊर्जा शोध केन्द्र में दोनों देश नई प्रौद्योगिकियों के विकास पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में कोपेनहेगन समझौते को आगे बढ़ाने के लिए वानिकी और जमीन के सतत इस्तेमाल के बारे में सहयोग पर भी सहमति हुई है।
परमाणु अप्रसार के प्रति दोनों देशों की वचनबद्धता जाहिर करते हुए ओबामा ने कहा कि भारत परमाणु ऊर्जा तथा परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में नए मानकों का निर्धारण चार साल के भीतर करेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से हरित क्रांति की बुनियाद पड़ी थी और अब हम खाद्य सुराक्षा सुनिश्चित करने के लिए चिर हरित क्रांति के लिए नई कृषि साझेदारी कर रहे हैं।
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