वित्त राज्य मंत्री एसएस पालानिमाणिक्कम ने मंगलवार को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 में जारी 122 में से 85 टूजी लाइसेंस ऐसी कंपनियों को दिए गए जो प्राथमिक कसौटी पर खरी नहीं थीं।
रिपोर्ट में दूरसंचार मंत्री ए राजा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने 2001 में निकाले गए प्रवेश शुल्क पर बिना विचार किए 2008 में कुछ नए ऑपरेटरों को स्पेक्ट्रम का आबंटन किया और प्रधानमंत्री की सलाह की भी अनदेखी की।
कैग का अनुमान है कि थ्रीजी स्पेक्ट्रम की नीलामी को देखते हुए 2008 में स्पेक्ट्रम आबंटन से सरकार को 1,76,645 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ। कैग रपट के अनुसार ऐसा लगता है कि दूरसंचार मंत्रालय ने किसी एक दूरसंचार सर्किल में लाइसेंस धारकों की अधिकतम संख्या पर कोई सीमा न लगाने की दूरसंचार नियामक (ट्राई) की सिफारिशों को भी दरकिनार किया।
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