भ्रष्टाचार और परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोपों के मद्देनजर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और राज्य के अन्य नेताओं से बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बात की है. येदियुरप्पा के भाग्य का फैसला अभी नहीं.
बैठक के बाद बीजेपी नेता अरुण जेटली ने पत्रकारों को बताया, "पार्टी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और राज्य के नेताओं से अनुरोध किया कि वे विचार विमर्श के लिए दिल्ली आएं. उनके साथ जो भी बात हुई, उस पर अब पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ बात होगी."
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मामले पर केंद्रीय कोर समूह के साथ चर्चा हो सकती है ताकि फैसला हो सके कि युदियुरप्पा को हटाया जाएगा या वह पद पर बने रहेंगे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी पारिवारिक व्यस्तताओं के सिलसिले में मुंबई में हैं और शनिवार को ही लौटेंगे. आखिरी फैसले के लिए उनकी राय बहुत अहम है.
शुक्रवार को गडकरी के निवास पर चार घंटे तक बैठक हुई जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार और बीजेपी कर्नाटक कोर कमेटी के नेताओं ने हिस्सा लिया. कर्नाटक के नेताओं, कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा, पूर्व अध्यक्ष डीवी सदानंद, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री राज जगदीश शेट्टर से मिलने के लिए गडकरी को लखनऊ से दिल्ली आना पड़ा.
हालांकि अकटलें गर्म हैं कि बीएस येदियुरप्पा का समय पूरा हो गया है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें जीवनदान देना चाहते हैं. वैसे खुद येदियुरप्पा पद न छोड़ने पर अड़े हैं. उन्होंने कहा, "मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले वे कौन होते हैं." येदियुरप्पा का दावा है कि विपक्षी पार्टियां उनसे इसलिए निराश हैं क्योंकि राज्य में तेज गति से विकास हो रहा है.
वहीं पार्टी का एक तबका येदियुरप्पा को हटाने के हक में है. केंद्रीय नेतृत्व कोई भी फैसला लेने से पहले सारे नफा नुकसान को परख लेना चाहता है. सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी येदियुरप्पा को बदलने का फैसला लेती हैं तो शेट्टर को राज्य सरकार की कमान सौंपी जा सकती हैं क्योंकि वह भी येदियुरप्पा के लिंगायत समुदाय से हैं.
बताया जाता है कि येदियुरप्पा ने शुक्रवार को हुई बैठक में अपना पक्ष साफ किया और खुद पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए लग रहे आरोपों को खारिज किया है. युदियुरप्पा का कहना है कि चूंकि उनके बेटों के नाम पर आवंटित की गई जमीन लौटा दिया गई हैं और उन्होंने मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं, इसलिए उन्हें पद पर बने रहने दिया जाए.
बीजेपी के कुछ नेताओं का कहना है कि येदियुरप्पा को हटाने से संकट हल नहीं होगा क्योंकि गुटबंदी जारी रहेगी. फिर भी अनंत कुमार के नेतृत्व वाला धड़ा चाहता है कि येदियुरप्पा को हटाया जाए. दरअसल उन पर लगे भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को बढ़ावा देने के आरोपों की वजह से 2जी स्पैट्रम घोटाले, आदर्श सोसाइटी घोटाले और कॉमनवेल्थ घोटाले में यूपीए सरकार पर बीजेपी के हमले की धार कुंद हो रही है. भ्रष्टाचार के इन मुद्दों पर बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन संसद को नहीं चलने दे रहा है और इनकी जांच के लिए संसदीय जांच समिति की मांग कर रहा है.
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