बिहार में विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान ने दोपहर तक अच्छा जोर पक़ड लिया है। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक दोपहर एक बजे तक तीस फीसदी मतदान अपना वोट डाल चुके थे।
सबसे अधिक मतदान गया जिले में 35 फीसदी और सबसे कम अरवल विधानसभा क्षेत्र में 24 फीसदी हुआ है। पटना के पास फुलवारी शरीफ मुस्लिम बहुल इलाके में लोगों की भी़ड लगी थी और ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोगों की काफी गहमागहमी थी। ऎसा अनुमान है कि दोपहर बाद अधिक मतदान हो सकता है।
भुसौला और हुलासचक के लोगों का कहना है कि मतदाता पहचानपत्र होने के बावजूद उनके नाम मतदाता सूची में नहीं हैं। उनका कहना था कि करीब 350 लोगों का मतदान में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। उनका आरोप था कि ऎसा राजनीतिक कारणों से किया गया है। पांचवें चरण में राज्य के आठ जिलों की 35 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इनमें से 22 सीटें वर्ष 2005 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने जीती थी। इस दौर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रभाव वाले गृहक्षेत्र नालंदा जिले की वे सात सीटें भी शामिल हैं, जिनमें से एक पर भाजपा और पाकी सभी छह सीटों पर जदयू को पिछले चुनाव में सफलता मिली थी।
पांचवें चरण की 35 सीटों में से छह पर राजद और एक पर लोक जनशक्ति पार्टी का कब्जा है। बाकी दो भाकपा-माले और दो कांग्रेस के हिस्से में हैं जबकि नवादा जिले में तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। इस बार के चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पूरी कोशिश है कि मध्य बिहार में राजद गठबंधन की सीटें बढ़ाकर नीतीश कुमार के सबसे पुख्ता राजनीतिक आधार को तो़डा जाए। आज जिन जिलों में मतदान हो रहा हैं उनमें पटना जिले के चार, नालंदा के सात, शेखपुरा के दो, जहानाबाद के तीन, अरवल के दो, गया के पांच और नवादा जिले के भी पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों में नक्सली गतिविधियां काफी अर्से से संचालित हैं, खासकर गया जिले में मतदान के दौरान नक्सली हिंसा की आशंका अधिक है। इसी वजह से सभी संवेदनशील बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की गई है।
मंगलवार, 9 नवंबर 2010
गया जिले में ३५ फीसदी मतदान !
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