सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह विवादों में घिरे पीजे थॉमस की केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर नियुक्ति के मामले में 27 जनवरी 2011 को अंतिम सुनवाई के लिए तैयार रहे.
अदालत ने थॉमस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. सरकार ने इस बारे में सीवीसी को एक नोटिस भी जारी किया है.
थॉमस का नाम एक घोटाले की चार्जशीट में लिया गया है. 1991 में केरल में पामोलीन के आयात में करोड़ों का घोटाला होने के आरोप हैं. थॉमस 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले के दौरान केंद्रीय संचार सचिव भी रहे. केंद्र सरकार को सीवीसी के पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर तीखी आलोचना झेलनी पड़ रही है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने थॉमस की नियुक्ति का विरोध किया.
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि आरोपों से घिरे किसी व्यक्ति को कैसे देश के सबसे अहम पदों में से एक पर बिठाया जा सकता है. वहीं थॉमस इस बात पर कायम है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं है. वह खुद को निर्दोष बताते हुए इस्तीफा देने से इनकार करते हैं.
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