भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव ने भारत-चीन संबंधों के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई है. चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ दिसंबर में भारत यात्रा पर आ रहे हैं. विदेश सचिव ने चीन से आग्रह किया है कि वो भारत से जुड़े कुछ मुद्दों पर ज़्यादा संवेदनशीलता दिखाए. इसमें चीन-पाकिस्तान संबंध और नदियों पर बाँध बनाने का मसला शामिल है.
उन्होंने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चीनी मौजूदगी और जम्मू कशमीर के नागरिकों को स्टेप्ल वाला वीज़ा दिए जाने पर भी चिंता जताई. वे दिल्ली में भारत-चीन रिश्तों पर एक सेमिनार में बोल रही थीं. निरुपमा राव ने चीन से आग्रह किया कि वो भारतीय कंपनियों के लिए चीन में बेहतर पहुँच बनाए ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक असंतुलन कम हो सके.
विदेश सचिव ने कहा, "दोनों देश आपसी विश्वास बहाली के लिए कुछ क़दम उठा रहे हैं ताकि सीमा विवाद से निपटा जा सके. भारत गंभीरता से कोशिश कर रहा है कि ऐसे नतीजे पर पहुँचा जा सके जो दोनों पक्षों को मंज़ूर हो और निष्पक्ष हो." निरुपमा राव का कहना था कि अगर चीन भारत की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर ज़्यादा संवेदनशीलता दिखाता है तो भारत-चीन संबंध और आगे बढ़ेंगे.
1962 के बाद से भारत-चीन संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. दोनों बड़ी उभरती वैश्विक शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा भी लगातार बढ़ी है.
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