फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के भारत के दावे की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि एक अरब से ज्यादा की आबादी वाले देश को स्थायी सीट नहीं देना अकल्पनीय होगा। उन्होंने भारत के सिविल एटमी कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग का भरोसा भी दिलाया।
सरकोजी और उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी भारत की चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को बेंगलुरू पहुंचे। इसरो सैटेलाइट सेंटर में वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘फ्रांस भारत का मित्र है। हम जो कहते हैं, ‘उसका मतलब होता है। प्रदूषण रहित ऊर्जा और न्यूक्लियर उद्योग विकसित करने की भारत की कोशिशों में फ्रांस उसका पूरा साथ देगा।’ उन्होंने कहा कि फ्रांस न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का पक्षधर भी है। राष्ट्रपति सरकोजी के साथ अधिकारियों और उद्योगपतियों का 60 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। सरकोजी की नजर फ्रांसीसी कंपनियों के लिए अरबों डॉलर के ठेके हासिल करने पर है।
सरकोजी ने 26/11 के आतंकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि भारत पर हमला लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से निकला आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए अस्थिरता का कारण बना हुआ है। उन्होंने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया तालिबान के खिलाफ जंग हारने का जोखिम नहीं ले सकती। तालिबान की वापसी की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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