बाबरी विध्वंस की 18वीं बरसी के मौके पर अयोध्या सहित पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में पहले ही हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है।
अयोध्या के इस विवादित ढांचे को गिराए जाने की बरसी छह दिसंबर को है। राज्य में ऐसे किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा हो।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) बृजलाल लाल ने संवाददाताओं से कहा कि विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी को लेकर फैजाबाद सहित सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों एवं संबंधित अधिकारियों को सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील जिलों के पुलिस प्रशासन को खास सतर्क रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि संवेदनशील जिलों में 10 कम्पनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), 20 कम्पनी एवं प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) तैनात की गई है। करीब 20 कंपनी पीएसी रिजर्व में रखी गई है।
कारसेवकों की एक भीड़ ने छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या की बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। अयोध्या में जहां कथित हिंदू कट्टरपंथियों की तरफ से इस दिन विजय दिवस तो मुसलमानों की तरफ से शोक मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर.के.एस.राठौर ने रविवार को बताया कि घर या धार्मिक स्थलों पर कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है लेकिन सड़क पर किसी धार्मिक कार्यक्रम या प्रदशर्न की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए हमेशा की तरह यह संवेदनशील दिन है। इसलिए हम खास सतर्कता रखेंगे।
विवादित ढांचे के विध्वंस की तिथि छह दिसंबर की पूर्व संध्या पर रामनगरी कड़े सुरक्षा घेरे में जकड़ रही। अधिग्रहीत परिसर की ओर जाने वाले सभी मार्गो पर सहित पूरी नगरी में स्थायी बैरियरों पर सुरक्षा कर्मियों का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। सरयू में जल पुलिस को निरंतर गश्त करते रहने के निर्देश दिये गये हैं।
रविवार को सायं नयाघाट बंधा तिराहे व थाना रामजन्मभूमि इन दो स्थानों से रैपिड एक्शन फोर्स, पीएसी व नागरिक पुलिस ने संयुक्त रूप से पैदल मार्च कर सुरक्षा के प्रति लोगों को आश्वस्त किया। नगर एसपी अनिल कुमार राय ने बताया अयोध्या की सुरक्षा को अभेद्य बना दिया गया है। पांच दर्जन स्थानों पर अस्थायी बैरियर लगाकर चेकिंग की जा रही है। रामलला के दर्शन मार्ग सहित अधिग्रहीत के भीतर व बाहरी मार्गो पर कड़ी निगरानी हो रही है। नगरी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा प्रवेश द्वारों पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है।
डीएम एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता व एसएसपी आरकेएस राठौर की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक कर निषेधाज्ञा का पालन प्रभावी ढंग से कराया जाना तय किया गया। इस अवसर पर छह दिसंबर को बिना अनुमति के कोई भी नया कार्यक्रम नहीं होने देने का निर्देश जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों को दिया गया।
उन्हें मीडिया से बात करने से मना किया गया है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने देने का भी निर्देश दिया गया है। छह दिसंबर को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती के आयोजन के मद्देनजर बाबा साहेब की प्रतिमाओं की सुरक्षा के कड़े निर्देश दिये गये हैं। डीएम ने बताया कि अयोध्या-फैजाबाद को सात जोन व 11 सेक्टरों में बांट कर सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
'छह दिसम्बर' के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया है। विवादित स्थल से संबंधित सभी प्रकार के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने जिलाधिकारियों व पुलिस कप्तानों से कहा है कि 'छह दिसंबर' की घटना को लेकर किसी प्रकार के धरना, प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं दी जाए। 'शौर्य दिवस' 'विजय दिवस' या 'शोक दिवस' के आयोजन करने वालों से भी सख्ती से निपटा जाए। धारा 144 का सख्ती से पालन कराया जाए।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने भी अपील जारी कर कहा है कि छह दिसम्बर को कोई भी ऐसा आयोजन न हो जिससे शांति भंग की आशंका हो। डीएम को को सिर्फ ज्ञापन सौंपे जा सकते है। 'छह दिसम्बर' को लेकर राजधानी लखनऊ सहित कानपुर, वाराणसी, मऊ, आजमगढ़, फैजाबाद, गोण्डा, मथुरा, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद को संवेदनशील माना गया है। यहां 20 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के साथ 30 कंपनी पीएसी भेजी गयी है।
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