भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 290 किलोमीटर की दूरी तक सटीक हमला कर सकती है।
इस क्रूज मिसाइल को उड़ीसा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) के प्रक्षेपण स्थल-3 से पूर्वाह्न 11 बजे एक मोबाइल लॉन्चर के जरिये दागा गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस का यह परीक्षण सफल रहा।
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस का एनपीओ माशिनिस्त्रोयेमिया मिलकर विकसित कर रहे हैं। आठ मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन तीन टन है। इसकी गति ध्वनि से कहीं ज्यादा लगभग 2.823 मैक है।
इस क्रूज मिसाइल को उड़ीसा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) के प्रक्षेपण स्थल-3 से पूर्वाह्न 11 बजे एक मोबाइल लॉन्चर के जरिये दागा गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस का यह परीक्षण सफल रहा।
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस का एनपीओ माशिनिस्त्रोयेमिया मिलकर विकसित कर रहे हैं। आठ मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन तीन टन है। इसकी गति ध्वनि से कहीं ज्यादा लगभग 2.823 मैक है।
मिसाइल को जमीन, पनडुब्बी, जहाज और विमान से प्रक्षेपित किया जा सकता है और यह 200-300 किलोग्राम के पारंपरिक हथियार ढोने में सक्षम है। ब्रह्मोस का नामकरण भारत में बहने वाली ब्रह्मपुत्र और मॉस्को की मॉस्कोवा नदी के नाम पर किया गया है।
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