अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के आदेशों पर यह जानकारी एकत्रित करके अगस्त, 2009 में पाकिस्तान के साथ इसे साझा किया था। जानकारी के मुताबिक हाफिज सईद लश्कर और जेयूडी दोनों का मुखिया बना हुआ है और कथित धर्मार्थ वाली गतिविधियों से एकत्रित धन का भी एक हिस्सा आतंकवादी हमलों की साजिश में खर्च किया जाता है।
गुट अपने लिए कई माध्यमों से कोष एकत्रित करता है, जिनमें से निजी अनुदान, गैर सरकारी संगठनों, मदरसों और दक्षिण एशिया में फैले व्यापारियों से मिलने वाला अनुदान प्रमुख है।
इस जानकारी का हिलेरी ने पाकिस्तान को अपने इस फैसले के बारे में बताने के लिए उपयोग किया था कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल—कायदा और तालिबान प्रतिबंध समिति से हाफिज सईद और जेयूडी का नाम हटाने के विरोध में हैं। इसके मुताबिक लश्कर का सालाना बजट 23 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
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