ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि हर दिन संतुलित मात्रा में एस्प्रिन का सेवन कैंसर से बचाव करता है.
25,000 मरीज़ों पर किए गए इस शोध में सामने आया है कि हर दिन एस्प्रिन लेने वाले मरीज़ों में कैंसर से मौत का ख़तरा कम हो गया. अनुसंधान में शामिल ज़्यादातर मरीज़ ब्रिटेन के रहने वाले थे. हृदयरोग और हृदयाघात में एस्प्रिन से होने वाले फ़ायदे पहले ही सामने आ चुके हैं. हालांकि एस्प्रिन के अत्यधिक सेवन से रक्त का बहाव बढ़ता है.
इस नए अनुसंधान के तहत विशेषज्ञों का मानना है कि एस्प्रिन के फ़ायदे उसके विपरीत प्रभावों से बढ़कर पाए गए हैं. अनुसंधान में पाया गया है कि जिन मरीज़ों ने एस्प्रिन का सेवन किया उनमें कैंसर से मौत का ख़तरा 25 फ़ीसदी कम हो गया. जिन मरीज़ों ने एस्प्रिन का सेवन किया उनमें सभी बीमारियों को लेकर आमतौर पर मौत का ख़तरा 10 फ़ीसदी कम हो गया. ज़्यादातर मामलों में एस्प्रिन का इलाज चार से आठ साल तक रहता है लेकिन कुछ मामलों में इसके फ़ायदे 20 साल तक भी देखे गए.
20 साल तक एस्प्रिन के सेवन के बाद कैंसर की मौत का ख़तरा 20 फ़ीसदी कम हो गया. अनुसंधान के तहत आंत के कैंसर के ख़तरे में 40 फ़ीसदी, फेफड़ों के कैंसर में 30 फ़ीसदी, प्रोस्टेट ग्रन्थि के कैंसर में 10 फ़ीसदी और श्वास की नली के कैंसर में 60 फ़ीसदी की कमी आई. पाचक-ग्रंथि, पेट और मस्तिष्क के कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या कम होने के चलते इन मामलों में एस्प्रिन के प्रभाव को व्यापक स्तर पर नहीं देखा जा सका.
अनुसंधान से जुड़े प्रोफेसर रोथवैल का कहना है, ''मैं ये नहीं कहता कि मध्यम आयुवर्ग के स्वस्थ लोग तुरंत एस्प्रिन लेना शुरु कर दें, लेकिन अनुसंधान में ये सामने आया है कि एस्प्रिन कई मायनों में फ़ायदेमंद है.'' अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार 45 से 50 की आयुवर्ग के लोग लगभग 20 साल तक सुरक्षित तौर पर एस्प्रिन का सेवन कर सकते हैं.
ब्रिटेन में कैंसर पर अनुसंधान करने वाली संस्था ‘कैंसर रिर्सच यूके’ का कहना है कि ये परिणाम सकारात्मक हैं. संस्था के अनुसार, ''एस्प्रिन के सकारात्मक नतीजों को देखते हुए जो भी लोग इसका सेवन करना चाहते हैं वो अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.''
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