अपने ह्रदय में कोई इच्छा न रखें| सबके साथ
मिलकर रहें| सबको प्यार करे, सबको गले लगाए|
निस्वार्थ भाव से सेवा करे, अपने अंदर समायोजन
की क्षमता विकसित करें| इस प्रकार आप दूसरों के
ह्रदय में स्थान पा सकते हैं| बिना थके सेवा भाव
से आप सबके प्रिय हो सकते हैं|
(स्वामी शिवानन्द )
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nice
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