सरकार ने सिगरेट-बीड़ी और दूसरे तंबाकु उत्पाद बनाने के वाली कंपनियों को पैकेट पर कुछ खास किस्म के चित्र छापने का निर्देश दिया था। इस तरह के दो चित्र ‘ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स’ ने मिलकर तय भी कर लिया था और इन चित्रों को तंबाकु उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के पास भेज भी दिया गया था। इन चित्रों को 1 दिसंबर के बाद से जारी होने वाले पैकेट्स पर लगाना था, जिसकी तैयारी कंपनियों ने कर ली थी। लेकिन इसी साल मई महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से पैकेट्स के उपर अलग तरह का चित्र छापने का निर्देश आया था। कंपनियों का कहना है कि इसी के चलते भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
इनका कहना है कि उन्हे समझ नहीं आ रहा है कि ‘ग्रुप ऑफ मिस्टर्स’ द्वारा तय किए गए चित्रों को छापा जाए या फिर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए चित्र को। इसी भ्रम की स्थिति के बीच इन कंपनियों ने 1 दिसंबर यानी बुधवार से ही अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है। सिगरेट का प्रोडक्शन बंद होने के चलते सरकारी खजाने को रोजाना 100 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। क्योंकि सिगरेट कंपनियों से बतौर एक्साइज ड्यूटी सरकारी खजाने में रोजाना इतनी रकम आ जाती है।
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