महाराष्ट्र सरकार का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से नागपुर में शुरू हुआ है। सत्र के पहले दिन से ही शिवसेना-भाजपा के विधायक बेमौसम बरसात से प्रभावित हुए किसानों को फौरन प्रति हेक्टेयर ५क् हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की मांग कर रहे हैं। किसानों को आर्थिक मदद देने के मुद्दे पर शिवसेना के विधायक सदन में पिछले दो दिनों से आक्रामक तेवर में हैं।
इस मांग को लेकर शिवसेना विधायक संजय राठोड़ ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष रखा राजदंड ही उठा लिया था। उनके साथ ही शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर, शरद पाटिल, अभिजीत अडसूल, आशिष जायसवाल और भाजपा के प्रमोद जठार ने अध्यक्ष के सामने वेल में आकर नारेबाजी की थी।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने हंगामा करने वाले शिवसेना के इन पांच विधायकों को साल भर के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव गुरुवार को सदन में रखा। जो ध्वनिमत से पास होने पर विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे-पाटिल ने पांचों शिवसेना विधायकों को साल भर के लिए निलंबित करने की घोषणा की।
इस कार्रवाई के चलते अब शिवसेना के निलंबित पांचों विधायक अगले शीतकालीन सत्र तक नागपुर और मुंबई स्थित विधान भवन परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। वैसे राजदंड उठाने वाले शिवसेना विधायक संजय राठोड़ को बुधवार को ही शीतकालीन सत्र तक निलंबित कर दिया गया था। मगर बुधवार को अन्य शिवसेना विधायकों के साथ उन्हें भी साल भर के लिए निलंबित कर दिया गया।
शिवसेना विधायक दल के नेता सुभाष देसाई ने अपनी पार्टी के पांच विधायकों के निलंबन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल कांग्रेस-राकांपा ने साजिश के तहत निलंबन की कार्रवाई की है। लेकिन शिवसेना के सभी विधायकों को भी यदि निलंबित कर दिया जाता है तो भी किसानों को नुकसान भरपाई देने के मुद्दे को उनकी पार्टी नहीं छोड़ेगी।
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