यूपी की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव नोएडा जमीन घोटाले में दोषी करार दी गयी और उन्हें 4 साल की सजा सुनाई गयी है। गाज़ियाबाद सीबीआई कोर्ट का ये फैसला आया है। फ्लेक्स कंपनी के सीईओ अशोक चतुर्वेदी भी दोषी करार दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने नोएडा में गलत तरीके से भूखण्ड आवंटित करने का दोषी पाया है। नीरा यादव उस समय नोएडा प्राधिकरण की प्रमुख थीं।
अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की सेवानिवृत्त अधिकारी नीरा यादव को नोएडा में फ्लेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड को औद्योगिक भूखंड आवंटित करने में नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है।
1971 बैच की आईएएस अफसर नीरा यादव को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दोषी माना गया है।
नीरा यादव पर आरोप था कि 1995-96 में जब वह नोएडा अथॉरिटी की चेयरमैन थीं, तब उन्होंने प्लॉट आवंटन के मामले में अनियमितताएं बरती थीं। जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को दे दी गई थी। 1998 में इस नीरा यादव पर मामला दर्ज किया गया था। 2002 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गयी थी सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश पर नीरा यादव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। नीरा यादव देश की पहली आईएएस अफसर हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव के पद से हटना पड़ा था।
नीरा यादव पर आरोप था कि 1995-96 में जब वह नोएडा अथॉरिटी की चेयरमैन थीं, तब उन्होंने प्लॉट आवंटन के मामले में अनियमितताएं बरती थीं। जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को दे दी गई थी। 1998 में इस नीरा यादव पर मामला दर्ज किया गया था। 2002 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गयी थी सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश पर नीरा यादव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। नीरा यादव देश की पहली आईएएस अफसर हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव के पद से हटना पड़ा था।
कुछ साल पहले तीन सबसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान के लिए आईएएस एसोसिएशन ने गुप्त मतदान करवाया था तब नीरा यादव दूसरे नंबर पर आईं थीं। नीरा यादव और अशोक चतुर्वेदी दोनों को 4 साल की सजा सुनाई गयी है। दोनों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है।
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