क्यों तुम उस बुराई को गंभीरता से देखते हो जो तुम्हे
भाई की दृष्टि में दिखती है, परन्तु तुम उस दोष के आधार को
गंभीरता से नहीं विचारते जो तुम्हारी दृष्टि पर पर्दा डाले हुए है|
सब से पहले तुम अपनी बुराई के आधार को मिटाओ, तभी तुम
स्पष्टता से अपने भाई के दोष-रूपी कण को देखने योग्य होंगे|
(इसा मसीह)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें