उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक भाजपा के 11 अयोग्य विधायकों में से चार विधायकों की ओर से दायर अपील पर मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया के उन्हें अयोग्य करार देने के फ़ैसले को बरकरार रखते उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ़ शीर्ष अदालत में अपील की है.
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति सीरिएक जोसफ़ की पीठ ने येदियुरप्पा और बोपैया से सात दिसंबर तक जवाब मांगा है और सुनवाई की अगली तारीख नौ दिसंबर तय कर दी है. पीठ ने वरिष्ठ वकील रोहिनटन नरीमन द्वारा इस मुद्दे को उठाते हुए मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग करने के बाद ये निर्देश जारी किये हैं.
अपनी विशेष अनुमति याचिका में विधायक गोपाल कृष्ण बेलूर, शिवनागौडा नाईक, शंकर लिंगे गौडा और बेल्लुब्बी ने कहा कि उन्हें अयोग्य करार दिये जाने से 10वीं अनुसूचित तथा पैरा आठ के तहत इसे प्रभावी करने के लिये बनाये गये नियमों के संदर्भ में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून से जुडे काफ़ी सवाल खडे होते हैं. उन्होंने दलील दी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें दिये गये कारण बताओ नोटिस के जवाब में जब उन्होंने सुस्पष्ट वक्तव्य दिया था तो उनका भाजपा या उसके विधायक दल की सदस्यता छोडने का कोई इरादा नहीं था.
राज्यपाल को लिखे उनके पत्र का मकसद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाते हुए पार्टी की छवि को साफ़ करना था. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 29 अक्तूबर को भाजपा के 11 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के फ़ैसले को बरकरार था.
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