उच्चतम न्यायालय ने बहुचर्चित लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से बुधवार को इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अवकाशकालीन खंडपीठ ने इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया।
खंडपीठ ने यह कहते हुए मसौदा निर्माण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से साफ इन्कार कर दिया कि विधेयक के मसौदे को लेकर नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है और ऐसे में उसके हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि सरकार को किसी विधेयक को लेकर विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श करने का पूरा हक है। खंडपीठ ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि प्रस्तावित विधेयक मौजूदा स्वरूप में पारित हो ही जाएगा।उच्चतम न्यायालय के ही एक वकील की इस याचिका में आग्रह किया गया था कि न्यायालय लोकपाल विधेयक मसौदा निर्माण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करे। याचिकाकर्ता की दलील थी कि इस प्रक्रिया में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कानून बनाना संसद का काम है।
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