कालका मेल की 14 बोगियां पटरी से उतरी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 जुलाई 2011

कालका मेल की 14 बोगियां पटरी से उतरी.

  यात्रा मंगलमय हो यह दुआ देने वाली भारतीय रेल लोगों की मुस्कान छीनती जा रही हैं। अब तो लोग सफर करते वक्त यही सोचते रहते हैं कि सफर सुहाना होगा कि हादसों की भेंट चढ़ेगा। आए दिन हो रहे रेल हादसों को देखकर लोगों ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि भारतीय रेलवे का हादसों के साथ चोली दामन का साथ बनता जा रहा है। हादसों के बाद अक्सर तमाम तरह के सवाल उठते हैं लोगों में काफी गुस्सा रहता है। लोगों की यही शिकायतें रहती हैं कि हर साल रेलवे की सुरक्षा और आधुनिकता पर करोड़ों-अरबों खर्च किए जाते हैं, पर हालात तो ढ़ाक के तीन पात है।

ताजा मामला उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले की है। यहां मालवा में कालका मेल की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं हैं। दोपहर 12.20 बजे यह हादसा इमरजेंसी ब्रेक लगने की वजह से हुआ है। बताया जा रहा है कि हादसे में करीब 100 लोग घायल हुए हैं, 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। घर से निकलते वक्त कलकत्ता से दिल्ली की ओर आने वाली कालका मेल में बैठे यात्रियों ने तो सोचा भी नहीं होगा कि उनकी यह यात्रा मौत में बदल जाएगी। अभी सैकड़ों लोग बोगियों में फंसे हुए हैं। ट्रेन का ड्राइवर भी बुरी तरह घायल है।

यूपी के ही कांशीराम नगर जिले में पिछले बुधवार रात को एक मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर बस और ट्रेन की टक्कर में 38 लोग मारे गए। इस हादसे को अभी सप्ताह भी नहीं बीता कि इतने बड़े हादसे ने लोगों का दिल दहला दिया है। चिंतित लोगों ने यह कहना शुरू दिया है कि अब तो आसमान से लेकर जमीन तक की यात्रा में मौत ही मौत दिखती है। इंसान कहीं भी सुरक्षित नहीं है।

 

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